बच्चों और किशोर-किशोरियों में कृमि संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए उत्तराखण्ड में 14 अक्टूबर को स्कूल एवं आंगनवाडी केन्द्रों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाएगा।
इस सन्दर्भ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी जिसमें आगामी कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने हेतु आवश्यक निर्णय लिए गए। भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृमी के संक्रमण, बचाव एवं उपचार के बारे में लोगों को जागरूक करना। किशोर-किशोरियों में कृमि संक्रमण से जुड़े जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा 14 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अनुपस्थिति या बीमारी के कारण जिन बच्चों को 14 अक्टूबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कृमि नियंत्रण की दवाई नहीं खिलाई जा सकी उन्हें 17 अक्टूबर को मॉप-अप दिवस पर कृमि मुक्त किया जायेगा।
डॉ नैथानी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन भारत एवं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वर्ष में दो बार कृमि संक्रमण और
उस से सम्बंधित रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में 1-19 वर्ष के सभी बच्चों और किशोरों को सभी शिक्षण संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों, तकनीकी संस्थानों और आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से डिवर्मिंग दवा एल्बेंडाजॉल खिला कर कृमि मुक्त किया जाता है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से आयोजित एक अखिल भारतीय जन स्वास्थ्य कार्यक्रम है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड और एविडेंस एक्शन के तकनीकी सहयोग से आयोजित किया जाता है। इस दिवस को मनाने एवं कृमी मुक्ति विषय के जनजागरूकता अभियान को घर घर पहुंचाने के लिए हितधाराकों के प्रतिनिधियों जैसे पंचायती राज, एजुकेशन, टेक्निकल एजुकेशन, स्काउट्स एंड गाइड्स, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, नगर निगम, नेहरू युवा केंद्र, WCD, एविडेंस एक्शन, आदि के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में प्रतिभाग किया।