उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग पिछले 16 दिनों से 41 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी है आज से सेना ने मोर्चा संभाला लिया है।
सोमवार सुबह को सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में राहत और बचाव अभियान को सेना के हवाले कर दिया गया है, सेना की इंजीनियरिंग कोर की मद्रास सैपर्स की टीम अब राहत और बचाव कार्य का जिम्मा देखेगी। लगातार आ रही बाधाओं के बाद आखिरकार 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने की जिम्मेदारी अब सेना को दी गई है, राहत और बचाव कार्य में 41 घंटे तक ब्रेक लगा रहा, अब एक बार फिर से बचाव और राहत कार्य में तेजी आ गई है, अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन के खराब होने के बाद इस ऑपरेशन को सेना के हवाले किया गया है, अब सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिल शुरू कर मजदूर तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, इसमें अभी और तीन चार दिन लग सकता हैं।
जिला आपदा परिचालन के मुताबिक सुरंग के अंदर सभी 41 मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें निकालने के लिए अब तक 31 मीटर की ड्रिलिंग भी की जा चुकी है, मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है, इसके अलावा चार अन्य योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है, सुरंग के अंदर मजदूरों को भोजन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं और एक अतिरिक्त फोन लाइन भी उनके लिए लगाई गई है ताकि वह अपने परिजनों से बातचीत कर सकें, सभी एजेंसियां पूरी मजबूती से मजदूरों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं।
सिल्क्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के निरीक्षण करने पहुंचे प्रधान सचिव डॉ प्रमोद मिश्रा ।।
सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे 41 श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन के निरीक्षण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा एवं सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार अजय भल्ला ने सोमवार को सिलक्यारा, उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने ग्राफिकल प्रस्तुतीकरण एवं मैपिंग के माध्यम से टनल की भौगोलिक स्थिति को समझा।
सोमवार को सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल पहुंचे प्रधान सचिव डॉ प्रमोद मिश्रा ने अब तक चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की एनएचडीसीएल एवं नोडल अधिकारी नीरज खेरवाल से जानकारी ली।
इस दौरान उन्होंने टलन में फंसे श्रमिकों के हाल चाल पूछा और उन्हें आश्वासन दिया कि हर हाल में सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलेंगे।प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने सिलक्यारा सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों के परिजनों से भी वार्ता कर मुनिया श्वसन दिया है कि हर हाल में हम रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करेंगे। प्रधान सचिव डॉ प्रमोद मिश्रा ने रेस्क्यू टीम से मिले और वहां एक्सपर्ट से भी बात चीत की है।
प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा ने ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने की प्रक्रिया में जुटे श्रमिकों टिंकू दुबे, अमित, शशिकांत, झारू राम, राधे रमण दुबे, ओम प्रकाश, एन.डी अहमद से बात कर उनका कुशलक्षेम जानते हुए उनके काम की सराहना की । उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों के साथ राहत बचाव कार्य में जुटे सभी लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय( भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
सिल्क्यारा रेस्क्यू टीम को मिली बड़ी कामयाबी, ऑगर मशीन के टूटे पार्ट निकले।।
वर्टिकल ड्रिलिंग 31 मीटर पूरा, टनल में मैन्युअल खुदाई भी हुई शुरू।।
सिल्क्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के 16 वां दिन पिछले दो दिनों की अपेक्षा शकुन भर रहा है। बड़ी राहत देने वाली बात यह है कि टलन के अंदर जो
ऑगर ड्रिलिंग मशीन फंसी थी उसे प्लाज्मा कटर से टुकड़ों में काट कर बाहर निकलने में सफलता हासिल कर ली है। जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने शेष एक मुड़े पाइप को कटर की मदद से निकाल कर 13 मीटर की खुदाई के लिए पारंपरिक तरीके से शुरू कर दिया।
सोमवार सुबह को टनल में मुड़े पाइप को काटने कार्य शुरू किया गया था दोपहर बाद मैनुअली खुदाई कार्य पुनः शुरू कर दिया है। मैनुअल खुदाई में सेना की इंजीनियरिंग कोर की मद्रास सैपर्स की टीम अब राहत और बचाव कार्य का जिम्मा देखेगी। वहीं
दिल्ली के स्पेशलिस्ट की भी मदद ली जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में अब पूरी तरीके से तीनों और से मोर्चा पर कार्य से चल रहा है।
वर्टिकल ड्रिलिंग ने भी अब रफ्तार पकड़ दी है अब तक 31 मीटर की खुदाई चल रही वर्टिकल ड्रिलिंग कल 86 मीटर होनी है ।
भगवान और विज्ञान का संगम से रेस्क्यू ऑपरेशन होगा सफल ।।
बाबा बौखनाग की भूमि पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में पूजा पाठ का का दौर जारी है। सोमवार को सुरंग के ऊपरी छोर पर पंडितों द्वारा हवन और पूजा अर्चना की गई है। यानी भगवान और विज्ञान का संगम से रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने की कवायद तेज कर दी गई है।
इससे पूर्व भी बाबा बौखनाग की डोली सुरंग के पास लाईं गई। वहीं कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर गत रविवार को बौखनाग के थान भाटिया गांव में जा चुके हैं। वहां बाबा बौखनाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन कू सफ़ल के लिए अपना आशीर्वाद भी दें चुकें हैं। सूत्रों की माने तो हनोल में भी महासू महाराज के पास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों के सकुशल बाहर निकालने की अर्जी लगा चुके हैं।
सुरंग पर दिखी शिव आकृति लोग
वहीं आज सोमवार को सुरंग के मुहाने पर बाबा बौखनाग के अस्थाई मंदिर के पीछे पानी का रिसाव हुआ है। पानी के रिसाव से बनी आकृति को भगवान शंकर की आकृति बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें भगवान शिव की आकृति बनी दिखाई दी। कहना है कि अब भोलेनाथ का आशीर्वाद मिल गया है।