Thursday, February 6, 2025
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में संचालित एवं प्रस्तावित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में समय बद्धता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिये

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में संचालित एवं प्रस्तावित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में समय बद्धता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जनहित से जुड़ी योजनायें समय पर पूरी हों इसके लिये कार्यदायी संस्थाओं की सजगता से निगरानी की जाए। जो कार्यदायी संस्था कार्यों के प्रति उदासीन नजर आये उस पर त्वरित कार्यवाही कर उन्हें बाहर किया जाए। योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सुनिश्चित हो यह विभागीय सचिवों एवं विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी है।

बुधवार को सचिवालय में पर्यटन, पेयजल, जलागम प्रबंधन, वन, नगर विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा कौशल विकास एवं सेवा योजना के अंतर्गत संचालित एवं प्रस्तावित बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त निर्देश दिये कि हमारा लक्ष्य एवं प्रयास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने का होना चाहिये। उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं से जनता कितना लाभान्वित हो रही है, इसका भी आकलन किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो परियोजनाएं केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं तथा उनमें तेजी लाये जाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, इसके लिये ऐसे प्रस्ताव रेजिडेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। कार्यों की स्वीकृति में शीघ्रता के लिये विभागीय नोडल अधिकारी की व्यवस्था के निर्देश भी उन्होंने दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन एवं परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भेजा जाय।

मुख्यमंत्री ने योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में डेसबोर्ड एवं एस.ओ.पी. तेयार करने के भी निर्देश दिये ताकि योजनाओं की मॉनिटरिंग सही ढंग से हो सके। इसके लिये योजनाओं के संचालन में सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस वर्ष वर्षा एवं बर्फबारी की कमी के कारण जलापूर्ति की कमी को दूर करने के लिये पेयजल एवं जलागम के क्षेत्र में भी कार्ययोजना योजना तैयार करने को कहा। वन विभाग द्वारा जायका के अधीन संचालित योजनाओं में जनता की सुविधाओं पर ध्यान देने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश के पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई कौशल विकास एवं युवाओं के रोजगार एवं स्वरोजगार के केंद्र बने, इसके लिये इन्हें अवस्थापना सुविधाओं से मजबूत किया जाए ताकि युवाओं को तकनीकि दक्षता उपलब्ध हो इसके लिये प्रमुख उद्यमियों से वार्ता कर उनके अनुकूल ट्रेड में युवाओं की दक्षता पर ध्यान दिया जाए। इसके लिये दक्ष प्रशिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि आईटीआई में यदि अनुदेशकों की कमी है तो इसके लिये शीघ्रता से भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जाय। यदि आयोग के स्तर पर इसमें विलंब हो रहा हो तो इसके लिये शीघ्र नियुक्ति के लिये आयोग से अपेक्षा की।

इस अवसर पर राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, श्री आर. राजेश कुमार, श्री नीरज खैरवाल, वन प्रमुख (हॉफ) श्री अनूप मलिक, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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