Thursday, February 6, 2025
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चारधाम यात्रा को लेकर आगामी 30 अप्रैल को एनडीएमए की ओर से प्रस्तावित टेबल टॉप एक्सरसाइज

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

आगामी चारधाम यात्रा को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने विभिन्न विभागों के स्तर पर तैयारियों को पुख्ता करने और यात्रा के सुगम संचालन को लेकर कवायद तेज कर दी है। चारधाम यात्रा को लेकर आगामी 30 अप्रैल को एनडीएमए की ओर से प्रस्तावित टेबल टॉप एक्सरसाइज और 02 मई 2024 को प्रस्तावित मॉक एक्सरसाइज को लेकर मंगलवार को ऑरियंटेशन तथा को-आर्डिनेशन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन कांफ्रेंस में यात्रा मार्ग स्थित जिलों के जिलाधिकारी और आर्मी, आईटीबीपी के साथ ही 28 विभागों के 200 से अधिक अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
कांफ्रेंस में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। साथ ही 30 अप्रैल 2024 को आयोजित होने वाली टेबल टॉप एक्सरसाइज और 02 मई 2024 को प्रस्तावित मॉक एक्सरसाइज के उद्देश्यों के बारे में बताया।

मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन में आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, भारतीय सेना, आईटीबीपी, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, लोक निर्माण विभाग, जीएमवीएन, वन, पर्यटन, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, देवस्थानम् बोर्ड आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है और किसी आपात स्थिति में सभी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य हो, इसी उद्देश्य से टेबल टॉप एक्सरसाइज और मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि यह एक्सरसाइज यात्रा मार्ग के सभी जिलों में होगी और खराब मौसम, बाढ़ तथा भूस्खलन, भूकंप, अग्निकांड, हिमस्खलन, बर्फबारी, भारी वर्षा, हेलीकॉप्टर तथा रोड एक्सीडेंट, भगदड़ आदि आपदाओं के दौरान विभिन्न विभाग किसी तरह से राहत और बचाव के कार्य करेंगे, इसकी तैयारी को मॉक एक्सरसाइज कर परखा जाएगा और यदि कहीं कोई तकनीकी या अन्य दिक्कत आएगी तो उसका तुरंत समाधान किया जाएगा ताकि यात्रा के दौरान कहीं किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे।
उन्होंने कहा कि इस एक्सरसाइज से यह जानना और समझना आसान हो जाएगा कि विभिन्न स्तरों पर सर्च एंड रेस्क्यू का प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आर्मी तथा पुलिस बल की तैनाती, मौसम की निगरानी तथा चेतावनी, रिलीफ कैंपों की स्थिति, राहत और बचाव कार्य, भीड़ तथा ट्रैफिक प्रबंधन, संचार साधनों की वास्तविक स्थिति तथा विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय कैसा है।
उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन और यूएसडीएमए, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन यूएसडीएमए श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी परिचालन यूएसडीएमए/डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन श्री विक्रम सिंह यादव, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए डॉ. पीयूष रौतेला, प्रभारी एसईओसी श्री राहुल जुगरान, डॉ. विमलेश जोशी, आईआरएस विशेषज्ञ डॉ. वेदिका पंत, विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, विशेषज्ञ पूजा राणा, तंद्रिला सरकार, रोहित कुमार, मनी जो आदि विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

 

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