Thursday, February 6, 2025
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत छात्रों एवं अध्यापकों आदि के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान संचालित करने के भी निर्देश मुख्य सचिव को दिये है। कोचिंग सेंटरों में पार्किंग व्यवस्था तथा आसपास यातायात की सुगमता पर भी ध्यान दिये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के दृष्टिगत जल भराव होने की सम्भावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा के त्वरित निराकरण हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं की तत्परता तथा प्राथमिकता के साथ जाँच कर उनमें सुधारात्मक कार्यवाही की जाए ताकि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं, की जाँच के निर्देश दिए है। इस संबंध में जारी निर्देश में मुख्य सचिव ने कहा है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में जलभराव की स्थिति के कारण हुई अप्रिय घटना के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही हैं, की जॉच भवन उप-नियमों और सुरक्षा सम्बन्धी अन्य मानकों/नियमों के तहत शीर्ष प्राथमिकता के साथ करना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जनपद में सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण हेतु एक समिति का गठन कर समिति के माध्यम से वर्णित स्थानों की जांच कराते हुए सभी प्रकार की कमियों का निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा है। जिन भवनों में कमियों का निराकरण किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा हो, उन भवनों में मानसून अवधि तक के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु समुचित आदेश पारित कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिये हैं, ताकि मानसून अवधि में जलभराव से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही से शासन को 15 दिन के भीतर अवगत कराने के भी निर्देश दिए है।

उन्होंने ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही है में अग्नि सुरक्षा मानकों की जाँच तथा भवन अथवा कोचिंग सेन्टर में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र एवं अलार्म तथा किसी आगजनी की घटना में निकासी मार्ग को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है की भी जांच करने को कहा है। ऐसे भवनों में स्थापित विद्युत प्रणाली की जाँच विद्युत सुरक्षा विभाग से कराने तथा आवश्यक अनुमति/प्रमाण-पत्र भवन स्वामी द्वारा लिये जाने, विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सुझाये गये उपायों का समावेश भवन में स्थापित विद्युत प्रणाली में किये जाने तथा भवन निर्माण के लिए आवश्यक मानकों की पूर्ति की भी जांच करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए।

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