Thursday, February 6, 2025
spot_img

सैनिक कल्याण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के प्रति पूर्व सैनिकों द्वारा जताया गया आभार। मुख्यमंत्री का किया सम्मान।

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक संगठन द्वारा रविवार को दून सैनिक इंस्टीट्यूट गढ़ीकैंट देहरादून में आयोजित आभार एवं संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पूर्व सैनिक संगठन के अधिकारियों एवं सैनिकों के साथ वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री द्वारा कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये किये जाने, शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 वर्ष किये जाने, शहीदों के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी इन पदों पर भी नियुक्ति प्रदान करने के साथ ही सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जाने की घोषणा के प्रति उनका आभार व्यक्त कर मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक हिमालय के प्रहरी तथा पर्यावरण के संरक्षक भी है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से ‘हर घर तिरंगा’ तथा ‘एक पेड मां के नाम’ अभियान की सफलता में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए मसूरी में सैनिक विश्राम बनाये जाने की घोषणा की। कार्यक्रम में वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री का तथा मुख्यमंत्री ने वीरांगनाओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले सेना एवं अर्द्धसैन्य बलों के जवानों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी जा रही है। अभी तक 17 सैनिक आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी गई है। उत्तराखण्ड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां वीरता पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त वार्षिक राशि का जीवन पर्यन्त भुगतान किया जाता है। विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों की एकमुश्त राशि बढ़ाई गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिक एवं युद्ध विधवाओं को प्रतिमाह दिये जाने वाले अनुदान को 08 हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना ने हमेशा अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया है। हमारी सेना के शौर्य एवं पराक्रम का इतिहास है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। उत्तराखण्ड से प्रत्येक परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। उत्तराखण्ड के सैनिकों एवं सैन्य परिवारों द्वारा दिये गये योगदान को शब्दों से बयां करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भव्य सैन्य धाम का भी लोकार्पण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। होली, दीपावली और कोई विशिष्ट दिन हो तो सेना के बीच में जाकर उनके साथ मनाते हैं। उनके नेतृत्व में सेना के मनोबल बढ़ाने का कार्य हो रहा है। वन रैंक वन पेंशन से सैनिकों का मनोगल बढा है। हमें अपनी भारतीय सेना पर गर्व है, जिनकी वजह से देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। हम राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में सामिल करने के लिये प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। इसे बनाये रखना हमारे लिए चुनौती भी है, जिन इन्डीकेटर पर राज्य को और सुधार की आवश्यकता है, उनको भी बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बांगलादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की घटना को दुःखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय पर हमारे देश के कई लोग जाति पति के बंधन में उलझे हैं। जबकि यह समय हमारे लिये सामुहिक रूप से इस विषय पर चिन्तन करने का है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में होने वाली घटनाओं पर कैंडल मार्च निकालने वाले भी इस घटना के प्रति अनजान बने है। उन्होंने कहा कि यह समय आपसी एकता का है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से राष्ट्र जागरण के कार्य में भी सहयोगी बनने को कहा।

सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। द्वितीय विश्व युद्ध की अनुदान राशि, विशिष्ट सेना मेडल अवार्ड राशि में बढ़ोतरी तथा वीरता पदक पुरस्कार की एक मुश्त अनुदान राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।

इस अवसर पर जे. ओ. सी. एब एरिया मे.ज. प्रेम राज, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, अध्यक्ष उपनल ब्रिगेडियर जे. एस. बिष्ट सहित बड़ी संख्या में सेना एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ पूर्व सैनिक तथा वीरांगनायें उपस्थित थी।

-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!