महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर में खिलाड़ियों के खाने की टेबल पर हर आइटम के सामने उसका नाम तो है ही, कैलोरी-प्रोटीन का हिसाब भी डिस्पले किया जा रहा है। जैसे-साग चना, कैलोरी 140 से लेकर 160 ग्राम। प्रोटीन-आठ से दस ग्राम। यह मात्रा प्रति सौ ग्राम के हिसाब से निर्धारित की गई है। इसका मकसद एक ही है। खिलाड़ी खाना खाते हुए अपनी फिटनेस का भी ध्यान रखें।
खाने के काउंटर पर अरूणाचल की वुशु टीम की खिलाड़ी ग्यामर कामा से जब खाने की गुणवत्ता पर बात की गई, तो उनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक थी। ग्यामर कामा का कहना है-खाने में प्रोटीन-कैलोरी की मात्रा डिस्पले करना अच्छा कदम है। इन स्थितियों के बीच, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर मेें खाना बनाने के लिए दो किचन तैयार की गई हैं। ज्यादातर खाना यहीं पर बन रहा है। परेड ग्राउंड भी यहीं से खाना बनाकर भेजा जा रहा है। वहां पर खेल की स्पर्धाएं अलग से आयोजित की जा रही हैं। खिलाड़ियों को परेड ग्राउंड में भी गरम खाना मिले, इसलिए वहां खेल स्थल पर सेटेलाइट किचन बनाया गया है।
कैटरिंग की व्यवस्था देख रहे अवधेश ढौंडियाल के अनुसार-खिलाड़ियों को निर्धारित डाइट प्लान के अनुरूप ताजा भोजन दिया जा रहा है। इसके अलावा खाने में तेज मसालों का प्रयोग कम से कम किया जा रहा है। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज और परेड ग्राउंड में खाने के लिए कुल 18 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां पर खिलाड़ियों, स्टाॅफ, अफसर, मीडिया के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है।