Thursday, June 19, 2025
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माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में दिनांक 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में दिनांक 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। बृहस्पतिवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल कराने को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के मैदानी जनपदों में बाढ़ की स्थिति पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने तथा विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय तथा सामंजस्य को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार तथा देहरादून, नैनीताल और चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल ऐसे स्थानों में आयोजित की जाएगी, जहां विगत कुछ वर्षों से लगातार जल भराव तथा बाढ़ के हालात उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 30 जून को मॉक ड्रिल का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। 09 जून को राज्य, जनपद तथा तहसील स्तरीय आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि आईआरएस एक ऐसा तंत्र है, जिसमें सभी अधिकारियों तथा विभागों की भूमिकाओं का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों के दौरान किस विभाग को तथा किसी अधिकारी को क्या करना है, इसे लेकर अब भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी।
उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज के दिन सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए योजना के बारे में बताएंगे। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव श्री जेएल शर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने का होगा अभ्यास
देहरादून। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के सामने भोजन तथा अन्य सामग्री का संकट हो जाता है। ऐसे में मॉक ड्रिल के दौरान भोजन की किट को भी एयरड्राप किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हेलीकॉप्टर से भोजन ड्राप करने का अभ्यास किया जाना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि भोजन ड्राप करने वाले व्यक्ति की सुरक्षा तथा भोजन सुरक्षित लोगों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। इस अभ्यास के दौरान वास्तविक फूड पैकेट ड्राप किए जाएंगे।

इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल
देहरादून। बाढ़ चेतावनी संदेशों को वाट्सएप, एसएमएस, रेडियो आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इस दौरान निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।

राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
देहरादून। मॉक अभ्यास के दौरान बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य
ऽ बाढ़ जैसी आपदा के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना।
ऽ विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना।
ऽ राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच।
ऽ राहत शिविर संचालन/वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना।
ऽ चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण।
ऽ संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना।
ऽ समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना।

इन परिदृश्यों पर होगी मॉक अभ्यास
ऽ नदी में जलस्तर अचानक बढ़ना।
ऽ रिहायशी इलाकों में जलभराव/मकानों का डूबना
ऽ बस/रेलवे स्टेशनों में जलभराव।
ऽ सड़कों में जलभराव एवं वाहनों का डूब जाना।
ऽ स्कूल में बाढ़ का खतरा/बच्चों की निकासी।
ऽ रात में बाढ़ आने का परिदृश्य।
ऽ बाढ़ प्रभावित लोगों को पंचायत भवन/स्कूल में शिफ्ट करना
ऽ पशुओं की सुरक्षा और गौशालाओं में स्थानांतरण।

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