Monday, July 28, 2025
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आपात परिस्थितियों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश में हेली एम्बुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में आमजन को आपदा, आकस्मिक चिकित्सा या अन्य आपात परिस्थितियों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश में हेली एम्बुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है। अब तक इस सेवा के जरिए 60 से अधिक पीड़ितों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।

जीवन रक्षक बनी हेलीकॉप्टर सेवा
भारत की पहली निशुल्क हेली एम्बुलेंस (संजीवनी हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सेवा) 29 अक्तूबर 2024 से एम्स ऋषिकेश के जरिए शुरु की गई है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में यह सेवा जीवन रक्षक का काम कर रही है। खासकर सड़क दुर्घटना, चिकित्सा आपातकाल, भूस्खलन, बाढ़ जैसी स्थिति में यह सेवा बेहद कारगर साबित हुई है। कई बार गर्भवती महिलाओं को भी गंभीर परिस्थितियों में सुरक्षित डिलीवरी के लिए एयरलिफ्ट किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक हेली एम्बुलेंस कुल 74 घंटे 12 मिनट की उड़ान के जरिए, अलग – अलग समय में 60 से अधिक पीड़ितों को एयरलिफ्ट कर जीवनदान प्रदान कर चुकी है। इसमें सड़क दुर्घटना के 23″, *गर्भावस्था आपात स्थिति के 18 और अन्य तरह की मेडिकल इमरजेंसी के 19 रोगी शामिल है। हेली एम्बुलेंस ने पांच नवंबर को हुई अल्मोड़ा बस दुर्घटना और एक मार्च 2025 को आए जोशीमठ हिमस्खलन के प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने में अहम भूमिका निभाई।

मुनस्यारी के लिए लिए भी किए थे प्रयास
11 जुलाई 2025 को जनपद पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र के धापा गांव से एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति की सूचना मिली, जहाँ एक महिला एवं उनकी नातिन ने जंगली मशरूम का सेवन कर लिया था। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के उपरांत डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत हल्द्वानी के उच्च चिकित्सा संस्थान में रेफर करने का निर्णय लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) से तत्काल हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने की मांग भेजी। प्रतिक्रिया में, प्राधिकरण ने बिना समय गंवाए हेलीकॉप्टर उड़ान की स्वीकृति प्रदान कर दी। लेकिन दुर्भाग्यवश, उस दिन क्षेत्र में मौसम अत्यधिक खराब होने से, डीजीसीए के मानकों के कारण उड़ान संभव नहीं हो पाई। ऐसे मामलों में सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी आपात स्थिति में जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई मांग पर प्राथमिकता के आधार पर, हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन उड़ान की अंतिम अनुमति डीजीसीए द्वारा तय सुरक्षा मानकों के अनुसार ही मिल पाती है, जिसमें मौसम की अनुकूलता एक अनिवार्य शर्त है।

उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ही एम्स ऋषिकेश के सहयोग से हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा शुरु की गई है। इस तरह की सेवा देने वाला उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस संजीवनी का काम कर रही है। कई बार मौसम संबंधित बाधाओं के चलते उड़ान संभव नहीं हो पाती है, ऐसे में प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्थाओं से लोगों का राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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