Wednesday, February 12, 2025
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आरटीआई दिवस के मौक़े पर उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने किया वेबीनार का आयोजन बीते 16 सालों में कुल 14285 शिकायतों का किया गया निस्तारण

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

देहरादून  I    देहरादून। उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा मंगलवार को सूचना का अधिकार अधिनियम की 16वीं वर्षगांठ के मौके में रिंग रोड स्थित सूचना आयोग भवन में वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में प्रदेश के विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारी, आरटीआई कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने प्रतिभाग किया। वेबीनार में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री बिमल जुल्का द्वारा प्रतिभाग किया गया।

वेबिनार को सम्बोधित करते हुए प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त श्री जेपी मंमगाई ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर, 2005 से जम्मू कश्मीर को छोड़कर समस्त राज्यों में प्रभावी हुआ, तब से 12 अक्टूबर को RTI दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होने कहा कि जिस दिन देश में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू हुआ उस दिन दशहरा का पर्व भी था जोकि सत्य की जीत का प्रतीक है।

वेबीनार में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री बिमल जुल्का ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम को स्थापित करने के पीछे का मकसद आम जनता को सशक्त बनाने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग के स्तर पर यह प्रयास होना चाहिए कि केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्य अतिथि श्री जुल्का ने डिजिटलाइजेशन के लिए विशेष जोर देते हुए कहा कि हम सबका प्राथमिकता होनी चाहिए कि जनता के सामने सार्वजनिक जानकारी विभिन्न माध्यमों से रख दी जाए, इसमें वेबसाइट, सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की मदद ली जा सकती है। श्री जुल्का ने कहा कि हमें समय के साथ-साथ अपनी तकनीक को बदलने की भी जरूरत है ताकि आने वाले समय में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। वेबिनार में आरटीआई क्लब के अध्यक्ष डॉ. बीपी मैठाणी ने बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होते हुए विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों के प्रश्नों के जवाब दिए।

वेबीनार में उत्तराखंड सूचना आयोग के सचिव श्री प्रकाश चन्द्र दुम्का ने आयोग द्वारा बीते 16 वर्ष में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सूचना आयोग द्वारा अब तक कुल 32850 द्वितीय अपीलों एवं कुल 14285 शिकायतों का निस्तारण किया गया। सूचना आयोग के द्वारा कुल 1639 मामलों में शास्ति आरोपित की गयी तथा कुल 96 मामलों में लोक सूचना अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा गयी। वर्ष 2019-20 में आयोग के द्वारा राज्य के विकास खण्डों एवं जिला मुख्यालयों में कुल 72 आर०टी०आई० प्रशिक्षण एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आयोग के द्वारा वर्तमान में प्रदेश के चार जनपदों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, ऊधमसिंहनगर, तथा हरिद्वार जनपदों के नागरिकों की सुविधा के दृष्टिगत इन जनपदों से संबंधित द्वितीय अपीलों व शिकायतों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही है। कार्यक्रम में राज्य सूचना आयुक्त श्री चन्द्र सिंह नपलच्याल , उप सचिव श्री रज़ा अब्बास, विधि अधिकारी श्री सर्वेश कुमार गुप्ता समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।

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