ऋषिपर्णा सभागार में जिला गंगा सुरक्षा समीति एवं रिस्पना पुर्नजीविकरण की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में ऋषिकेश क्षेत्र में सीवरेजट्रीटमेंट प्लान तथा के.एफ.डब्ल्यू कार्यक्रम के तहत सीवर लाइन विधायें जाने के कार्य की समीक्षा की गई। आईएडपी एवं 26 एमएलडी एस टी पी के अन्र्तगत नालों की टैपिंग के साथ ही देहरादून जिले में संयोजित 13 एसटीपी का अनुश्रवण/ विश्लेषण आख्या भेजे जाने के निर्देश जल निगम ऋषिकेश को दिए गये। इसके अलावा प्रदूषण नियन्त्रण वोर्ड के अधिकारियों को होटलों-धर्मशालाओं का पंजीकरण करने के साथ ही पंजीकरण न करने वाले संस्थानों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी के वायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण, सिंगल यूज प्लास्टिक साथ ही रम्भा नदी पर अतिक्रमण को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये। बैठक में एमडीडीए की ओर से राजीवनगर कण्डोली से लेकर मोथरो वाला तक रिस्पना नदी में बने पुलों व अधिक बसावट वाले क्षेत्रों में 2.4 मीटर उंची जाली लगाये जाने के उपरान्त इन स्थानों पर कूड़ा सीधे नदी में नहीं गिरने की जानकारी दी गई। बैठक में समिति के सदस्य द्वारा गंगा के कैचमंेट में वृक्षारोपण वायोप्रोजेक्ट, हट्स, वायो टायलेट आदि के संबंध में जानकारी दी गई जिस पर संबंधित विभाग को टीएचडीसी से सहयोग प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गये। इसके अलावा बैठक में सोंगनदी से प्रभावित खद्री, खड़कमाफ, गोहरी माफी ़क्षेत्रों में भू-कटाव की जानकारी भी दी गई । इस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अभियन्ता को दून क्षेत्रों में ग्रामीण की भूमि के कटाव को रोकने हेतु सुरक्षा दीवार, रीवर चैनेलाइजेशन कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत मृत पशुओं के निस्तारण हेतु नगर निगम ऋषिकेश को नगर निगम देहरादून से आवश्यक समन्वय करते हुए इन समस्या से निपटने को कहा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, डीडीओ सीएम डोभाल, एई सिंचाई वी.एस रावत, ई.ई पेयजल निगम एम सी जोशी ई.ई जल संस्थाल राजेन्द्र, श्याम मोहन ई.ई एम.डी.डी.ए, अपर मुख्य अधिकारी जगदीश, डाॅ0 आर के सिंह वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी, पर्यावरणविद् विनोद जुगलान समेत सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।