Thursday, January 30, 2025
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे आईएमए की पासिंग आउट परेड  में रिव्यूइंग अफसर    

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

387 जेंटलमैन कैडेट 11 दिसंबर को आईएमए में पासिंग आउट परेड कर सेना का हिस्सा बन जायेंगे। परेड में बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परेड की सलामी लेंगे। इस बार 319 भारतीय और 68 विदेशी कुल 387 जेंटलमैन कैडेट परेड में कदमताल करेंगे। आईएमए प्रशासन पीओपी की तैयारियों में जुटा है। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

आगामी 11 दिसंबर को आयोजित पासिंग आउट परेड को लेकर आईएमए प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। पीओपी से पहले तीन दिसंबर को ग्रेजुएशन सेरेमनी, आठ दिसंबर को कमांडेंट अवॉर्ड सेरेमनी, 09 दिसंबर को कमांडेंट परेड, 10 दिसंबर को मल्टीएक्टीविटी डिस्प्ले व साउंड व लाइट शो का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 11 दिसंबर को मुख्य परेड का आयोजन किया जाएगा। परेड में बतौर रिव्यूंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परेड की सलामी लेंगे। पीओपी को लेकर आईएमए प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है।

आईएमए की ऐतिहासिक चौटबुड बिल्डिंग के समीप फाइनल परेड की रिहर्सल लगातार चल रही है। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं। आईएमए के जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि कोविड- 19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मीडिया कवरेज का दायरा भी सीमित रखा गया है। हालांकि पीओपी कार्यक्रम को घर बैठे देखा जा सकेगा। इसके लिए परेड का लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिसे मीडिया संस्थानों को भी मुहैया कराया जाएगा। जल्द ही स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले जून में हुए पासिंग आउट परेड में परिजनों को परेड में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस बार आईएमए प्रशासन ने परिजनों को भी पीओपी में शामिल होने की अनुमति दे दी है। पिछले बार परिजनों के शामिल न होने से सैन्य अफसरों और उनके परिजनों ने जेंटलमैन केडेट्स के कंधों पर पीप्स, सितारे सजाए थे, लेकिन इस बार परिजन अपने लाडलों के कंधों पर पीप्स सजाएंगे। हालांकि इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1932 में हुई थी। पहले बैच में 40 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल थे। पहले बैच 1934 में पासआउट हुआ था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ इसी पहले बैच के छात्र थे। पहले बैच में शामिल स्मिथ डन ने बर्मा और मुहम्मद मूसा खान ने पाकिस्तान की सेना का नेतृत्व किया। भारतीय सैन्य अकादमी अब तक देश और दुनिया को 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर दे चुकी है। इसमें 2,500 विदेशी सैन्य अफसर भी शामिल हैं।

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