Wednesday, February 5, 2025
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भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए ‘‘वन क्षेत्र वधर्न एवं आजीविका सुधार’’ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कायर्क्रम का आयोजन

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के विस्तार प्रभाग द्वारा दिनांक 22 नवम्बर 2021
सोमवार से 26 नवम्बर, 2021 शुक्रवार तक भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए ‘‘वन क्षेत्र वधर्न
एवं आजीविका सुधार’’ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कायर्क्रम का आयोजन किया गया जिसमें वन मण्डल
अधिकारियों से लेकर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक तक के अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का
शुभारम्भ दिनांक 22.11.2021 को किया गया। कायर्क्रम के प्रारम्भ में श्रीमती ऋचा मिश्रा,
प्रमुख, विस्तार प्रभाग ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कायर्क्रम की भूमिका बताई
तथा कायर्क्रम के मुख्य अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के
महानिदेशक श्री अरुण सिंह रावत, भा.व.से. को उद्घाटन सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया। श्री
रावत ने अपने सम्बोधन में अधिक से अधिक आधुनिक कृषिवानिकी पद्वतियों को किसानों के
खेतों में अपनाने पर जोर दिया, जिससे वनों के बाहर वन संवधर्न के साथ-साथ किसानों तथा
कृषि वानिकी व्यवसाय से परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से जुड़े लोगों की आजीविका में सुधार लाया जा
सके। उन्होंनें कृषि वानिकी उत्पादों के विपणन के लिए सुदृण बाजारीकरण की आवश्यकता पर
जोर दिया तथा वन विभागों की भूमिका की आवश्यकता बताई।
प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में देश विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि वानिकी के
विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे गए। प्रशिक्षण में विदेश से जुड़े हुए विषय विशेषज्ञों में
प्लोरिडा विश्व विद्यालय, यू. एस. ए. के प्रवक्ता डा0 पी.के.आर. नायर, पैराडेनिया विश्व विद्यालय, श्रीलंका
के डा0 डी.के. एन.जी. पुश्पाकुमारा, इण्टरनेशनल सेन्टर फाॅर एग्रीकल्चर रिसचर् इन ड्राई एरिया,
मिस्र के प्रध््राान वैज्ञानिक डा0 चन्द्र्राशेखर विरादर शामिल थे।
देश के विभिन्न संस्थानों तथा विभागों से शामिल विषय विशेषज्ञों में श्री
जगदीश चन्द्र, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा वन विभाग, डा0 देवेन्द्र पाण्डे, आई.एफ.एस.
सेवानिवृत्त, राष्ट्रीय समन्वयक सी.एफ.ओ.आर, आई.सी.आर.ए.एफ. एशिया प्रोग्राम, नई दिल्ली के
डा0 एस.के. ध्यानी, काफरी आई.सी.आर. के निदेशक डा0 ए. अरुणाचलम, भारतीय मृदा एवं जल
संरक्षण संस्थान देहरादून के प्रधान वैज्ञानिक डा0 चरन सिंह, राजस्थान से डा0 एस. कला,
चण्डीगढ़ से प्रधान वैज्ञानिक डा0 पंकज पंवार, चैधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के
वानिकी के एसोसियेट प्रोफेसर डा0 संदीप आयार्, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ
वैज्ञानिक डा0 अशोक कुमार, ड0 विपिन प्रकाश, आई,सी,ए,आर,-काफरी झांसी के निदेशक डा0
ए. अरुणाचलम, डा0 ए.के.पाण्डेय वरिष्ठ वैज्ञानिकसेवानिवृत्त, वन अनुसंधान संस्थान,
देहरादून, आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली के सेवानिवृत्त, सहायक महानिदेशक, डा0 जे.सी. डागर, वीर
चन्द्र सिंह, उत्तराखण्ड वागवानी एवं वानिकी विश्व विद्यालय, वडसार उत्तराखण्ड के प्रभाग प्रमुख
व डीन डा0 अरविन्द विजलवान ने अपने विचार व्यक्त किए। पेनल डिस्कसन के दौरान डा. पी. पी.
भोजवैद, डा0 जितेन्द्र शमार्, डा. सलील कुमार तिवारी, श्री अमरजीत सिंह डण्डियाला, श्री प्रदीप
बक्शी आदि प्रमुख वन अधिकारी बतौर विषय विशेषज्ञों शामिल रहे।
कायर्क्रम का संचालन डा0 देवेन्द्र कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया तथा टीम के अन्य
सदस्यों डा0 चरण सिंह, श्री रामबीर सिंह, श्री विजय कुमार तथा अन्य अधिकारी और कमर्चारियों ने
कायर्क्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूणर् योगदान दिया।

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