उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में धार देने के लिए आज राहुल गांधी देहरादून पहुंचे थे। विजय सम्मान रैली से कांग्रेस के चुनावी अभियान का आगाज करने के साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए। यहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया। साथ ही उनका फोकस बलिदान, बेरोजगार, महंगाई और पूंजीपतियों पर रहा। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आपका और मेरा कुर्बानी से रिश्ता है। उत्तराखंड के हजारों लोगों ने इस देश के लिए अपना खून बहाया है मेरे परिवार ने भी इस देश की रक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए खून बहाया है। जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गंगा में केवल एक ही व्यक्ति स्नान करता है। योगी को स्नान की परमिशन नहीं दी गई। जिस पर जनता ने काफी तालियां बजाई जब से दिल्ली में भाजपा सरकार नहीं हटती। युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता कहां की गलतफहमी में मत रहिए हिंदुस्तान मजबूत हो रहा है। जनता बिना डरे काम करें वह बोले तब देश मजबूत होता है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड से अपनी बचपन की यादें भी साझा की। इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत में जनरल बिपिन रावत को याद किया 31 अक्टूबर याद किया। उन्होंने कहा कि जब दादी शहीद हुई और 21 मई को याद किया जब उनके पिता शहीद हुए। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने अपने पिता और दादी को खोया उनके अनुसार जो सेना या अन्य सेवा में लोग है वो इस बात को समझते हैं कि पिता को खोना भाई को खोना क्या होता है वो आप और मैं समझ सकते हैं , लेकिन जिसने ऐसा नही किया वो नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने हिंदुस्तान को सबसे ज्यादा अपना खून दिया है और देता रहेगा 13 दिन में हमारे सैनिको ने पाकिस्तान को हराया। अमेरिका को अफगानिस्तान में युध्द 20 साल चला , बांग्लादेश में क्या हुआ वो सब जानते हैं लोग कहते है सेना ने जीत दिलाई , राहुल गांधी ने कहा हिंदुस्तान के हर परिवार हर जात के लोगो ने 1971 में पाकिस्तान को हराने का काम किया। राहुल गांधी ने कहा हम इसलिए जीते थे क्योंकि हम एक थे और पाकिस्तान टूटा हुआ था लेकिन आज हिंदुस्तान को तोड़ा जा रहा है कमजोर किया जा रहा है , एक भाई दूसरे भाई से लड़ रहा हैं और पूरी की पूरी सरकार 3 पूंजीपतियों के पक्ष में लड़ाई लड़ रही है। उनके अनुसार किसानों को बर्बाद करने के लिए किसान कानून लाये थे लेकिन किसान झुके नहीं एक साल बाद जाकर प्रधानमंत्री ने माफी मांगी। संसद में मुआवजा देने की मांग कांग्रेस ने उठाई तो सरकार ने साफ तौर पर कह दिया कि हमारे पास लिस्ट ही नहीं है कि कितने लोग मरे हैं। उनके अनुसार मैंने 400 लोगों की लिस्ट सरकार को दी।