Saturday, February 8, 2025
spot_img

18 से 21 जनवरी 2022 तक श्रीलंका वन विभाग के अधिकारियों के लिए हाई-टेक वन नर्सरी पर आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून के तहत वन अनुसंधान संस्थान 18 से 21 जनवरी 2022 तक श्रीलंका वन विभाग के अधिकारियों के लिए हाई-टेक वन नर्सरी पर एक आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। विदेश मंत्रालय और MoEF&CC के माध्यम से श्रीलंका वन विभाग के अनुरोध पर पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

श्री आरपी सिंह प्रमुख सिल्विकल्चर डिवीजन एफआरआई ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और पाठ्यक्रम की रूपरेखा दी जिसमें हाई-टेक नर्सरी और विभिन्न विषयों: साइट चयन, स्थापना, डिजाइन और लेआउट, आधुनिक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं, नर्सरी संचालन और गुणवत्ता का उत्पादन उच्च तकनीक वाली नर्सरी में वानिकी प्रजातियों का रोपण स्टॉक, वन बीज प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता रोपण सामग्री के उत्पादन के लिए वनस्पति प्रसार और ऊतक संवर्धन तकनीक, मिट्टी और पोषक तत्व प्रबंधन तकनीक, नर्सरी में जल प्रबंधन तकनीक, रोग और कीट प्रबंधन, उत्पादन की आधुनिक तकनीकें श्रीलंका की प्रमुख वृक्षारोपण प्रजातियों की गुणवत्ता रोपण सामग्री (क्यूपीएम), देशी मैंग्रोव प्रजातियों की बहाली और संरक्षण, औषधीय पौधों की गुणवत्ता रोपण सामग्री का उत्पादन को भी शामिल किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्री अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, आईसीएफआरई ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वानिकी और पर्यावरण के क्षेत्र में क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग और ज्ञान साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने वनरोपण/वनरोपण कार्यक्रमों के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए हाई-टेक वन नर्सरी की स्थापना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

कोलंबो के उच्चायोग में भारत के उप उच्चायुक्त श्री विनोद के जैकब ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस संदेश, विशेष रूप से स्वच्छ, हरित, दीर्घकालिक और विश्वसनीय विकास के 25 साल की अवधि की ओर ध्यांकेंद्रित किया। उन्होंने भारत सरकार की नीतियों पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य ज्ञान के द्विपक्षीय आदान-प्रदान, न केवल रणनीतिक, आर्थिक बल्कि जीआईएस और रिमोट सेंसिंग, वानिकी और पर्यावरण अनुसंधान के क्षेत्र में भी सहयोग करना है।

इस अवसर पर श्रीलंका वन विभाग के वन संरक्षक जनरल डॉ. केएमए बंडारा ने भी बात की। उन्होंने श्रीलंका वन विभाग के लिए पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए भारत सरकार और आईसीएफआरई को धन्यवाद दिया और कहा कि वह विभिन्न अन्य क्षेत्रों में विभाग के लिए अधिक व्यावहारिक रूप से उन्मुख प्रशिक्षण की आशा करते हैं।

कार्यक्रम में संरक्षक, डीएफओ, रेंज अधिकारी, बीट वन अधिकारी, वन विस्तार अधिकारी रैंक के 53 अधिकारी शामिल हुए। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ मनीषा थपलियाल ने वर्चुअल सभा को धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!