Monday, February 10, 2025
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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा की अध्यक्षता एवं मुख्य अतिथि माननीय अध्यक्ष उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग पण्डित राजेन्द्र अंथवाल की उपस्थिति में जिला स्तरीय पशु कू्ररता निवारण समिति की बैठक उनके कार्यालय में आयोजित की गई। सर्वप्रथम पूर्व आयोजित हुई बैठक में लिए गए निर्णयों पर हुई कार्यवाही की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य अतिथि माननीय अध्यक्ष उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग राजेन्द्र अंथवाल ने कहा कि बैठक में समिति द्वारा जो निर्णय लिए जाते हैं उनका शत् प्रतिशत् अनुपालन हो तथा संबंधित विभागों के अधिकारी स्वयं प्रतिभाग करें यदि किसी व्यवस्ततावश स्वयं प्रतिभाग नहीं कर पा रहे है तो किसी जानकार को भेजें जो प्रकरणों पर जानकारी रखता हो तथा निर्णय लेने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि पशुक्रूरता रोकने हेतु सभी विभगों को समन्वय से कार्य करने की आवश्यकता है इसमें आयोग द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा ने कहा कि पशुकू्ररता के प्रकरणों की रोकथाम हेतु नियमों के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किए जाए ताकि लोगों को अपनी जिम्मेदारी का बोध हो तथा भावनात्मक रूप से इस कार्य से जुड़े। पूर्व बैठक में नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों में पशुश्रणालय एवं कांजी हाउस बनाए जाने की समीक्षा पर अवगत कराया गया कि मसूरी क्षेत्रान्तर्गत कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है तथा अन्य क्षेत्रों में कार्यवाही होनी है। जिस पर अपर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों को तेजी से पूर्ण करें यदि बजट की आवश्यकता हो तो इसकी मांग समय पर कर ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन-जिन नगर निगम एव नगर निकाय में गौ सदनों के भुगतान लंबित है, उनका भुगतान समय पर किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक डाॅग ब्रिडर निर्धारित मानक 10 स्वान से अधिक पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उसका लाईसेंस रद किया जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को टीम बनाते हुए पुलिस की सहायता से नियमित निरीक्षण/जांच करने को कहा। साथ ही जिन पशु डेरियों में आॅक्सीटोसिन का प्रयोग किया जा रहा है पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गोबर के डिस्पोसल के लिए नीति बनाई जाए ताकि गोबर नालियों में न बहे। उन्होंने कहा कि सड़कों एवं सार्वजनिक स्थानों पर पालतू स्वान मल-मूत्र त्याग कराने वाले लोगों को भी जागरूक किया जाए जिसके लिए पोस्टर, बैनर, होल्डिंग के साथ ही विद्यालयों में सैमिनार के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाए।
इस अवसर पर समिति के सदस्य गौरी मौलक्खी, पूजा बौखण्डी, सयंुक्त निदेशक आशुतोष जोशी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 विद्या सागर कापड़ी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 ए.के डिमरी, सहित संबंधित अधिकारी/कार्मिक एवं संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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