उत्तराखंड :- जहाँ सरकार कला विषय को हर विषय से जोड़ रही है वही स्वतंत्र विषय के रूप में कला विषय हासिये पर आ गया है। वजह है हाई स्कूल स्तर पर कला विषय के अंक छात्र के परीक्षा फल में नही जुड़ते हैं। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ता है।
कला शिक्षको की यह मांग बहुत लंबे समय से रही है कि कला के अंकों को परीक्षा फल में जोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षा मंत्री से लेकर कई अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए गए हैं ।लेकिन कोई कार्यवाही इस प्रकरण पर नही हुई।
आज ऑनलाइन माद्यम से प्रदेश के कला शिक्षको ने बैठक की जिसमे कला विषय की उपेक्षा पर चर्चा की गई।बैठक में मुख्य रूप से कला के अंकों को परीक्षा फल पर जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया। वही कला विषय को 5वें वैकल्पिक विषय के रूप में छात्रों को दिया जाय इस पर भी चर्चा की गई। जल्दी ही विद्यालय, ब्लॉक व जिला स्तर से एवं एस एम सी , पी टी ए के माद्यम से अंक जुड़वाने के लिए शासन को ज्ञापन प्रेषित किये जायेंगे साथ ही जन प्रतिनिधियों विधायको, सांसदों को भी इस प्रकरण से अवगत करवाया जाएगा।
साथ ही शासन स्तर पर अंको को जुड़वाने के लिए जो पत्र व्यवहार किये गए हैं उनका संज्ञान भी लिया जाएगा कि अब तक इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही हुई हैं।
बैठक का संचालन भरत नेगी द्वारा किया गया मुख्य वक्ताओं में विकास शर्मा, सुखदेव सैनी,अमरजीत सिंह, मोहन चौहान, रविशंकर गुसाईं, भारतेन्दु जोशी, रमा शंकर डिमरी, दीपक, नेगी, अल्पना नैनवाल, ज्योति, अंजना पंत आदि ने अपने अपने सुझाव दिए।