देहरादून :- सरकार द्वारा शिक्षको के ग्रीष्मावकाश में कटौती किये जाने की खबरे आज दिन भर सुर्खियों में थी । लेकिन जहां इस खबर से पूरे शिक्षक समाज मे रोष भी बढ़ गया है। शिक्षको का कहना है कि जब अकादमिक कैलेंडर में 27 मई से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित हैं तो अवकाशों में कटौती क्यो की जा रही है ? आज इसी मुद्दे पर उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉअनिल शर्मा व प्रांतीय महामंत्री जगमोहन सिंह रावत ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए सरकार से आग्रह किया है कि ग्रीष्मावकाश में विद्यालय संचालन हेतु अर्जित अवकाश दिए जाय या प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाय। हालांकि अभी तक कोई शासनादेश ग्रीष्मावकाश कटौती के लिए जारी नही किया गया है लेकिन यह मुद्दा समाचार पत्रों मेंआज छाया रहा।
ग्रीष्मावकाश कटौती से सबसे अधिक उन शिक्षको को परेशानी है जो प्रदेश के दुर्गम दूरस्थ स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षको के बाबत उनका कहना है कि वे इन्ही ग्रीष्मावकाशो में अपने पारिवारिक व सामाजिक कार्यो की योजनाएं बनाते है। अगर ग्रीष्मावकाशो में कटौती होगी तो उनके लिए अवकाशों की कमी होगी और वे अपने दायित्वों को ठीक से नही निभा पाएंगे।
फिलहाल गेंद सरकार के पाले में है कि वे शिक्षको को अर्जित अवकाश देगी या अपने फैसले को वापस लेगी।