Thursday, November 21, 2024
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स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
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देहरादून, 26 अक्टूबर 2024: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड द्वारा “स्तन कैंसर जागरूकता माह” (Breast Cancer Awareness) के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं में स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समय रहते इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने पर बल देना है।

कार्यक्रम राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित किया गया जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, आशा कार्यकर्ता और जनसमुदाय ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञों ने स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान, नियमित जांच की महत्ता, और स्वस्थ जीवनशैली के लाभों पर चर्चा की। साथ ही, स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जागरुकता रैली व क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. फरीदुजफर, सहायक निदेशक, एन.एच.एम. ने महिलाओं से नियमित रूप से स्वयं-जांच करने, नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराने और किसी भी असामान्य लक्षण को नज़रअंदाज न करने की अपील की। इस जागरूकता अभियान के तहत स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क परामर्श और जांच सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि एपिडेमियोलॉजी ऑफ ब्रेस्ट कैंसर अध्ययन के अनुसार प्रतिवर्ष भारत में 25.8 प्रति 1 लाख महिलाओं को स्तन कैंसर होता है। इसके अनुसार उत्तराखंड में अनुमानित 1470 महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रसित हैं। प्रदेश के समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्तन कैंसर की जांच नि:शुल्क की जा रही है। विगत तीन वर्षों में वर्तमान तक 7.5 लाख महिलाओं की कैंसर जांच की जा चुकी है।

डॉ. अनुपमा आर्य, एचओडी, कम्युनिटी मेडिसिन, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज द्वारा बताया गया कि स्तन कैंसर से बचाव के लिए सावधानियाँ और जीवनशैली में बदलाव सहायक हो सकते हैं। जिसमें स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने, संतुलित आहार, अधिक फल, सब्जियाँ, और अनाज का सेवन करें। प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) भोजन और शर्करा की मात्रा कम रखें। वजन नियंत्रित रखें, प्रतिदिन 30-45 मिनट व्यायाम करना शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है। शराब का सेवन और धूम्रपान स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह से छोड़ने का प्रयास करें। स्वयं-जांच और नियमित परीक्षण, स्वयं-जांच हर महीने स्तनों की स्वयं-जांच करें ताकि किसी प्रकार की गांठ या असामान्यता को जल्दी पहचाना जा सके।

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि स्तनपान करवाना माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक है और स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है। तनाव कम करने हेतु, नियमित ध्यान, योग, और विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें। इससे तनाव कम होता है, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। इन सरल कदमों को अपनाकर और नियमित स्वास्थ्य जांच कराकर स्तन कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड का यह प्रयास महिलाओं को सशक्त बनाने और स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

कार्यक्रम में डॉ निधि रावत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ उमा रावत, डॉ अजय नगरकर सहायक निदेशक एन.एच.एम., डॉ सौम्या खरे व अन्य स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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