Thursday, February 6, 2025
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किसी व्यक्ति द्वारा आतिशबाजी से किसी पशु को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने आदेशित किया है कि दीपावली के पर्व पर प्रायः यह देखा गया है कि आतिशबाजी के दौरान तीव्र ध्वनि से गली मौहल्लों के पशु/जानवरों में भय का मौहाल पैदा हो जाता है और पशु डर जाते हैं, वहीं दूसरी ओर आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह भी उल्लेखनीय है कि गली मौहल्ले के पालतु व आवारा पशुओं के नजदीक ही आतिशबाजी की जाती है व संवेदनहीनता का परिचय देते हुए उनके ऊपर ही आतिशबाजी को छोड़ दिया जाता है, जिससे न केवल पशुओं को चोट पहुंचती है, ब्लकि उनके जान का. खतरा भी उत्पन्न हो जाता है, जो कि अत्यधिक निदंनीय है।

उन्होंने रेखीय विभागों के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दीपावली के पर्व पर इस बात पर गम्भीरता से ध्यान दिया जाय कि गली मौहल्लों में आतिशीबाजी के दौरान किसी भी पशु/जानवार को कोई नुकसान न होने पाये। यदि किसी व्यक्ति द्वारा आतिशबाजी से किसी पशु को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। पशुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत इसमें व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे शीर्ष प्राथमिकता प्रदान करें।

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