उत्तराखंड़ हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान फरवरी से जून 2021 तक का वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ़ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सबूतों के साथ यह बताने को कहा है कि पूर्व में कोर्ट ने आदेश दिए थे कि सरकार निगम की सहायता हेतु 20 करोड़ रुपये सीएम रिलीफ फंड और 20 करोड़ रुपये हिललॉस के लिए दें। ये पैसा सरकार ने दिए या नही, 25 जून को शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताएं साथ मे निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर से वीडियो कोंनफ्रेसनिंग के माध्यम से पेश होने को कहा है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान निगम से पूछा कि अभी तक निगम कर्मियों को चार माह का वेतन क्यों नही दिया गया। निगम की तरफ से कोर्ट को बताया कि उनके पास बजट नही है । कोर्ट ने पूर्व के आदेश का संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा कि आपने जो 20 करोड़ रुपया सीएम फंड से देने की बात कही थी , उसे दिया या नही दिया । जिस पर सरकार ने कोर्ट को बताया कि दे दिया है, इस पर कोर्ट ने सरकार से प्रमाण पेश करने को कहा, जिस पर सरकार मौन रही। इस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से 25 जून 2021को सबूतों के साथ शपथपत्र पेश करने को कहा।
कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि निगम की 250 करोड़ रुपये की सम्पति, जो देहरादून हरिद्वार रोड पर स्थित है, उसका क्या हुआ ? रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका में कहा गया है कि निगम ने कर्मचारियों को लॉक डाउन के दौरान का वेतन नही दिया है , ना ही पूर्व कर्मचारीयो को पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान किया जा रहा है। सरकार परिसम्पत्तियों के बंटवारे के मामले में भी उदासीन है।जबकि यूपी परिवहन निगम के पास करोड़ो रूपये बकाया है।