गौचर / चमोली (के एस असवाल )
साहित्यकार एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर (चमोली) में प्रवक्ता डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र की पुस्तक राज्य पुस्तक क्रय चयन समिति द्वारा राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों में क्रय हेतु चयनित होने पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य आकाश सारस्वत सहित समस्त संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई है l
डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र की शोध पुस्तक गढ़वाल के प्रमुख कवियों के काव्य में राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति के चयन की अनुशंसा 2024 -25 में समग्र शिक्षा द्वारा क्रय की जाने वाली पुस्तकों के लिए बनाई गई चयन समिति द्वारा की गई है l
माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों में डॉक्टर मिश्र की पुस्तक का चयन होने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और उत्कृष्ट साहित्य किसी भी समाज के लिए मार्गदर्शन का कार्य करता है , यह शोध पुस्तक गढ़वाल क्षेत्र के प्रमुख कवियों के काव्य में राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाले साहित्य को उद्घाटित करने का प्रयास है l
डॉक्टर मिश्र ने बताया कि यह पुस्तक गढ़वाल से गढ़वाली एवं हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों के काव्य को राष्ट्रीय चेतना के विविध आयामों के अंतर्गत रखकर उनमें राष्ट्रीय चेतना के तत्वों को सामने लाने का प्रयास है , पुस्तक में रचनाकारों के साहित्य को विविध आयामों जैसे सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक ,ऐतिहासिक पर्यावरणीय, नारी चेतना और धार्मिक चेतना के अंतर्गत रखकर समीक्षा की गई है l
पुस्तक में गढ़वाली भाषा के साहित्यकारों में भजन सिंह ‘सिंह’, अबोधबंधु बहुगुणा , भगवती चरण शर्मा ‘निर्मोही’, गिरधारी प्रसाद कंकाल , कन्हैया लाल डंडरियाल , घनश्याम सैलानी, नरेंद्र सिंह नेगी एवं हिंदी भाषा के साहित्यकारों में कमल साहित्यालंकार , श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’, श्रीदेव सुमन, पार्थसारथी डबराल, शांति प्रकाश ‘ प्रेम’ के साहित्य को राष्ट्रीय चेतना के विविध आयामों के अंतर्गत रखकर राष्ट्रीय चेतना को उद्घाटित करने का प्रयास किया गया है l
डॉ मिश्र ने यह भी बताया कि इस पुस्तक का प्रकाशन हिमालय इंटरप्राइजेज द्वारा वर्ष 2022 में किया गया था, यह उनकी दूसरी पुस्तक है जिसका चयन राज्य के माध्यमिक विद्यालयों के पुस्तकालयों हेतु किया गया है इससे पूर्व वर्ष 2021 -22 में उनकी पुस्तक उत्तराखंड वन लाइनर को भी पुस्तकालयों हेतु चयनित किया गया था l
पुस्तक चयन पर प्रशंसा व्यक्त करने वाले संकाय सदस्यों में वरिष्ठ संकाय सदस्य लखपत सिंह बर्त्वाल ,राजेंद्र प्रसाद मैखुरी , वीरेंद्र सिंह कठैत, प्रदीप चंद्र नौटियाल, रविंद्र सिंह बर्त्वाल ,भगत सिंह कंडवाल, बच्चन जितेला , गोपाल प्रसाद कपरूवाण , डॉक्टर गजपाल राज ,सुबोध कुमार डिमरी ,योगेंद्र सिंह बर्त्वाल, नीतू सूद, सुमन भट्ट, मृणाल जोशी और कर्मचारियों में जोत सिंह टम्टा, महेंद्र सिंह नेगी, मनोज धपवाल ,ममता रावत ,श्रेया कंडारी , रमेश चंद्र, नंदन सिंह नेगी ,देवेंद्र सिंह बिष्ट, रघुवीर लाल , अनूप राणा एवं अंकित कंडारी सम्मिलित हैं l