Friday, May 23, 2025
spot_img
spot_img

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को किया रवाना।

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ऋषिकेश से पंज प्यारों की अगुवाई में श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के लिए जाने वाले प्रथम जत्थे को रवाना किया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस दौरान यात्रा के लिए जाने वाले संगतों के प्रथम जत्थे को बधाई देते हुए उनके सुगम व सुरक्षित यात्रा की कामना की।

राज्यपाल ने कहा कि श्री हेमकुण्ट साहिब की यह यात्रा आस्था, भक्ति और विश्वास की प्रतीक है। 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित यह तीर्थ स्थल तक की लगभग 18 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा हर श्रद्धालु की धैर्य, साहस और आस्था की परीक्षा है। राज्यपाल ने सिख गुरुओं के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि ‘‘स्वाभिमान, साहस, बलिदान, परिश्रम और सेवा’’ सिख परंपरा के मूल स्तंभ हैं। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी ‘‘निश्चय कर अपनी जीत करौं’’ को आत्मसात करते हुए श्रद्धालुओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा को अधिक सरल, सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा यात्रा मार्गों पर की गई तैयारियों की सराहना की। राज्यपाल ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्लास्टिक मुक्त यात्रा को अपनाएं और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देकर ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा दें।

राज्यपाल ने यात्रा आयोजन से जुड़े गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, सेवादारों, प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा बलों को उनके सतत प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री हेमकुण्ट साहिब की यात्रा हमारे राज्य की धार्मिक, आध्यात्मिक, संस्कृति का अनुपम संगम है। हेमकुण्ट साहिब सिख समाज की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह भूमि आज भी दिव्य ऊर्जा का केंद्र है। प्रत्येक श्रद्धालु में हेमकुण्ट साहिब जाकर आत्मिक शांति का अनुभव और नई चेतना का संचार होता है। उन्होंने कहा दुर्गम क्षेत्र, मौसम की कठिनाई के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष इस यात्रा में शामिल होते हैं। अब तक 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने हेमकुण्ट साहिब के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। चार धाम यात्रा के लिए अब 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार हेमकुण्ट साहिब यात्रा को सरल और सुगम बना रही है। आने वाले दिनों में यह यात्रा बहुत कम समय में पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने सुगम यात्रा के लिए गोविंदघाट में वैली ब्रिज का निर्माण करवाया गया है, जल्द ही स्थाई ब्रिज का निर्माण भी कराया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग में रेलिंग, साइन बोर्ड, मेडिकल कैंप, पेयजल, गर्म पानी की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने यात्रा में जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम के दौरान एआई-संचालित चैटबॉट ‘‘इटरनल गुरु’’ के अपग्रेडेड वर्जन का भी प्रदर्शन किया गया। यह चैटबॉट गुरबाणी पर आधारित है, जो श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के आध्यात्मिक मार्गदर्शन तथा शिक्षाओं को तकनीक के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने में सक्षम है। इस चैटबॉट को उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के सहयोग से तैयार किया गया है।

इस अवसर पर हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने यात्रा तैयारियों और उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए संगतों की सफल यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डुड़ी ‘‘भूषण’’, कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, विधायक श्रीमती रेनू बिष्ट, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, निर्मल आश्रम के अध्यक्ष जोत सिंह, निर्मल अखाड़ा प्रमुख श्रीमंत ज्ञान देव महाराज, कुलपति तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो0 दिनेश चंद्र शास्त्री सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!