आरूषी सुंद्रियाल ने सोनिया आनंद मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर लिखकर इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर स्मृति रावत पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस महानिदेशक से सोनिया आनंद मामले में एसआईटी जांच की मांग भी की है।
आरूषी के मुताबिक, 20 अगस्त 2024 को उनके घर में डकैती हुई थी, और सीसीटीवी कैमरे में सोनिया आनंद के साथ और चार अन्य लोगों की स्पष्टता से पहचान हो रही थी। जिसकी 5 दिन तक जांच पड़ताल करने के बाद ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। सोनिया आनंद ने उनके घर में जबरन घुसकर कैमरे तोड़ दिए थे और उनके जेवरात इत्यादि कीमती सामान लूट लिया था।
आरूषी ने कहा, जब पुलिस ने जांच के दौरान टूटे हुए कैमरे और बाथरूम में जले हुए अवशेषों को देखा, इसके बावजूद भी इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ने किसी साक्ष्य को नहीं जुटाया। वे यकीन करती हैं कि स्मृति रावत ने इन सभी सबूतों को नजरअंदाज किया और सीधे तौर पर किसी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।
आरूषी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को सामने रखते हुए कहा, “स्मृति रावत ने मुझे जांच के दौरान कॉल और व्हाट्सएप से ब्लॉक कर दिया था और उन्होंने फोरेंसिक जांच की मांग को नजरअंदाज किया। उनके रवैये से मुझे लग रहा है कि वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।” उन्होंने जल्द ही एसआईटी जांच की मांग की है जिससे सत्यापित सच्चाई सामने आ सके।
इस मामले में सोनिया आनंद के खिलाफ सही कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा, इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर स्मृति रावत पर भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच होनी चाहिए ताकि लोगों का पुलिस पर भरोसा बना रहे।