Tuesday, August 26, 2025
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गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित 39 गो सदनों हेतु गोवंश भरण पोषण हेतु 10 करोङ 48 लाख की धनराशि के चेक वितरित

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

प्रदेश के पशुपालन मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने सोमवार को पशुधन भवन सभागार में गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित 39 गो सदनों हेतु गोवंश भरण पोषण हेतु 10 करोङ 48 लाख की धनराशि के चेक वितरित किये। विभागीय स्तर पर निराश्रित गो वंश को शरण देने के लिये निर्धारित अर्हता पूर्ण करने वाले मान्यता प्राप्त गैर सरकारी पशु कल्याण संस्थाओं को वार्षिक गो सदन वितरण एवं सम्मान की व्यवस्था के तहत यह धनराशि पशुपालन मंत्री द्वारा वितरित की गई। प्रदेश में शरणागत गोवंश की वार्षिक औसत संख्या 9559 है।

कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गोवध एवं गोतस्करी पर प्रभावी रोक तथा समस्त गोवंश का संरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम पारित किया गया है। अलाभकर गोवंश निराश्रित, अनुत्पादक, वृद्ध, बीमार तथा गोतस्करों से जब्त किये गये गोवंश का संरक्षण गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से किये जाने की परम्परा को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से इन संस्थाओं को गोवंश भरण पोषण एवं निर्माण मद में आशिक राजकीय अनुदान निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्रस्ट एक्ट अथवा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत गैर सरकारी गोकल्याण संस्थाओं द्वारा अलाभकर गोवंश को शरण दिये जाने का कार्य किया जा रहा है। उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप निर्धारित अर्हताएं पूर्ण करने वाले इन गोसदनों को राजकीय मान्यता तथा अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है। उन्होंने गैर सरकारी गोकल्याण संस्थाओं द्वारा संचालित सभी गोसदनों से अपेक्षा की कि वे आंशिक राजकीय सहायता के अतिरिक्त जनसहयोग, गोबर, गोमूत्र एवं अन्य पंचगव्य उत्पादों के माध्यम से भी यथासंभव अधिकाधिक आर्थिक स्वावलंबन हेतु प्रयास करें। कैबिनेट मंत्री श्री बहुगुणा ने कहा कि शहरी विकास विभाग द्वारा भी नगर निकायों के माध्यम से कांजी हाउस गोशाला शरणालयों की स्थापना हेतु कार्ययोजना प्रारम्भ की गई है तथा पंचायतीराज विभाग द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्रों में 25-25 ग्रामों के समूह के माध्यम से कांजी हाउस गौशाला शरणालयों की स्थापना प्रस्तावित है।

इस अवसर पर पं० राजेन्द्र अणथ्वाल, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग, श्री राजीव गुप्ता उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड लोकसेवा अधिकरण, डा० प्रेम कुमार, निदेशक पशुपालन डा० लोकेश कुमार, अपर निदेशक पशुपालन विभाग, डा०डी०सी० गुरुरानी, संयुक्त निदेशक, डा० नीरज सिंघल, संयुक्त निदेशक, डा० शरद भण्डारी, संयुक्त निदेशक, उत्तराखण्ड पशुकल्याण बोर्ड, डा० राकेश नेगी, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखण्ड पशुधन विकास परिषद, डा० रमेश नितवाल संयुक्त निदेशक उपस्थित थे।

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