Monday, May 19, 2025
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मुख्यमंत्री ने टनकपुर देहरादून साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को रेलवे स्टेशन टनकपुर से टनकपुर-देहरादून साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया मुख्यमंत्री ने टनकपुर से देहरादून के लिए पहली एक्सप्रेस ट्रेन संचालन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताते हुए इसेएक स्वप्न का पूरा होना भी बताया क्योंकि आजादी से पहले बने टनकपुर रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए यह पहली एक्सप्रेस ट्रेन संचालित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर एक्सप्रेस के संचालन में टनकपुर से देहरादून तक अनेक महत्वपूर्ण शहरों को सीधे जोड़ा गया है, जिससे लोगों को सुविधा होगी। इस एक्सप्रेस के माध्यम से बनबसा, खटीमा, पीलीभीत, भोजीपुरा, बरेली सिटी, बरेली जंक्शन, चंदोसी, मुरादाबाद, नजीबाबाद, लक्सर, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों को यात्रा करने का आसानी से विकल्प भी मिलेगा और उनका समय भी बचेगा। इसके साथ ही यह ट्रेन सेवा इन शहरों से मां पूर्णागिरी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात का एक बेहतर विकल्प भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी ट्रेन से टनकपुर से खटीमा तक की यात्रा की तथा ट्रेन में यात्रियों से मुलाकात कर उनका फीडबैक लिया तथा सभी को शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रही हैं। पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं तथा आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है । 2014 के बाद से भारतीय रेल एक नए रूप में हमारे सम्मुख है। आज जहां एक ओर ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म करके भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर आज भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। दुर्गम पहाड़ो के बीच से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक ट्रेन का संचालन होना किसी सपने का साकार होने जैसा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर तेज गति से कार्य चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है और जल्दी ही इसमें भी काम शुरू हो जायेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जी द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तराखंड के छह स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। देहरादून से आनन्द विहार के बीच इसी वर्ष वन्दे भारत ट्रेन का संचालन होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। अब शीघ्र ही हमें देहरादून से अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है। आज हमारी डबल इंजन की सरकार अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमने मॉ पूर्णागिरी धाम में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढाये जाने के उददेश्य से पूर्णागिरी मन्दिर रोपवे के निर्माण हेतु 45 करोड की धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही ककरालीगेट से पूर्णागिरी धाम तक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने एवं श्रद्धालुओं की सुलभ सुविधाओं हेतु केदारनाथ की तर्ज पर मास्टर प्लान बनाये जाने हेतु येजना तैयार की जा रही है। शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत हरिद्वार तथा ऋषिकेश की तर्ज पर घाट का निर्माण किया जाएगा जहां प्रातः एवं सायं काल आरती प्रतिदिन भव्य रूप से की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ी- गैंडाखाली-खेतखेड़ा में मोटर्स पुल का 13 करोड़ 77 लाख की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे वर्षाकाल में मॉ पूर्णागिरी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना नहीं करना पडेगा। भारत एवं नेपाल सीमा में व्यापारिक गतिविधियों को बढावा देने एवं आर्थिक गतिविधियों के विकास हेतु 3.82 किलोमीटर के इंडो नेपाल ड्राई पोर्ट का निर्माण 177 करोड की धनराशि से किया जा रहा है।

टनकपुर एवं बनबसा क्षेत्र में जल निकासी के कार्य हेतु 130 करोड की डी0पी0आर0 का गठन कर लिया गया है। टनकपुर में 56 करोड़ की लागत से बस टर्मिनल का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है। कुमांऊ के प्रमुख मन्दिरों को मानस खण्ड कोरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें जनपद चम्पावत के लगभग सभी प्रमुख मंदिर हैं।

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