आज जनरल बिपिन रावत और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मध्य उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। विशेष तौर पर सीमांत क्षेत्रों के विकास पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं चीन व नेपाल से लगने के कारण यहां के सामरिक महत्व को देखते हुए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में बार्डर एरिया विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए। सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने की योजनाओं पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रणनीतिक महत्व को देखते हुए सङको व पुलों के निर्माण के लिए जरूरी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों के पुलिस सत्यापन पर विचार किया गया । मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यों में सेना ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार व सैन्य प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड के कारण नहीं हो पाई भर्ती रैलियों को दुबारा शुरू किये जाने का अनुरोध किया। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।