Friday, April 11, 2025
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हिमालयन संस्कृति केन्द्र, निम्बूवाला, गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ में प्रतिभाग किया।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हिमालयन संस्कृति केन्द्र, निम्बूवाला, गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ में प्रतिभाग किया। मेरी माटी मेरा देश अभियान के अन्तर्गत दिल्ली में देश भर से लाये गये अमृत कलशों का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा। अमर शहीदों की वीरता की अटूट विरासत कों समेटकर भविष्य की प्रेरणादायी नींव रखने के उद्देश्य से कर्तव्य पथ पर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमें “मेरी माटी, मेरा देश“ अभियान के तहत उन वीरों की वंदना करने का अवसर प्राप्त हुआ है, जिन्होंने देश की माटी की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस महाभियान में सबने अपनी भागीदारी निभाई है। जिसका परिणाम है कि “अमृत कलश यात्रा“ में देवभूमि के सुदूरवर्ती अंचलों के 95 विकासखण्डों व 101 नगर – निकायों से 192 तथा नेहरू युवा केंद्र से 166 स्वयंसेवक उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह कलश यात्रा अमर शहीदों के त्याग एवं बलिदान को हमारे मस्तिष्क में चिरस्थाई रखने के उद्देश्य से संपूर्ण देशभर में “मेरी माटी मेरा“ देश महाभियान के अंतर्गत चलाई जा रही है। इस यात्रा के तहत अमर शहीदों की तपोभूमि की मिट्टी को अमृत कलश में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक पहुंचाया जा रहा है। अमृत कलश यात्रा के तहत देशभर से 7500 कलशों में आने वाली मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ’अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह अमृत वाटिका उनके द्वारा दिए गए ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र तभी महान बनता है, जब उसके नागरिकों के मन में अपने देश, अपनी संस्कृति, अपनी परंपरा और अपने सामर्थ्य पर पूर्ण विश्वास एवं गर्व का भाव होता है। हमारी देवभूमि, वीरों की भूमि है, बलिदानियों की भूमि है, और ये बात हमारे सैनिकों ने अब तक हुए सभी युद्धों में सिद्ध की है। उन्होंने कहा कि देश भक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना न केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति पताका चारों ओर फहरा रही है। केंद्र सरकार जहां एक ओर सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है, वहीं दूसरी ओर सैनिकों और उनके परिवारों को मिल रही सुख-सुविधाओं का भी ख्याल रख रही है। राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में सैनिकों एवं उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय भी इसी आशय से लिया है।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि आजादी के अमृतकाल का यह वर्ष देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता एवं सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए विश्व पटल पर एक महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है। देश आज जहां एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सक्षम एवं दूरदर्शी नेतृत्व के कारण तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहा है, वहीं आज पूरा देश एकजुट होकर आजादी का अमृत महोत्सव अभियान से प्रत्येक घर और व्यक्ति को जोड़कर अखण्ड भारत की छवि एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर लाने का प्रयास भी बेहद सफल रहा है। पूरे वर्ष भर आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देशभर में हर्षोल्लास से मनाया गया। इसी अभियान के अन्तर्गत देश के लिये अपना बलिदान देने वाले करोड़ों वीरों को नमन करने एवं उनके प्रति समर्पित भाव से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये ’मेरी माटी मेरा देश“ एक जन अभियान का रूप ले चुका है, जो हमें देश के प्रति अटूट आस्था एवं समर्पण को प्रदर्शित करता है। देवभूमि उत्तराखण्ड अनादिकाल से आध्यात्मिक, चिन्तन एवं साधना का प्रमुख केन्द्र रहा है तो वहीं इस भूमि को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है।

इस अवसर पर सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक श्री खजानदास, श्री सुरेश सिंह चौहान, उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद श्रीमती मधु भट्ट, अध्यक्ष कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी)श्री अनिल डब्बू, पूर्व विधायक श्री राजेश शुक्ला, सचिव श्री एच. सी. सेमवाल, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, आईटीबीपी और एसएसबी के अधिकारी उपस्थित थे।

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