Saturday, April 19, 2025
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तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों का संरक्षण और प्रबंधन पर भारत के तटरक्षक अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

वन पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन प्रभाग, एफआरआई के द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों के लिए ‘तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण और प्रबंधन’ पर एक सप्ताह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्देश्य तटीय जैव विविधता और इसके प्रबंधन से संबंधित मुद्दों की समझ विकसित करना है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में गोवा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी और नई दिल्ली के 12 अधिकारी भाग ले रहे हैं।
निदेशक, एफआरआई, डॉ रेणु सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और इसके प्रबंधन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. सिंह ने उल्लेख किया कि कई आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों के कारण दुनिया भर के तटीय क्षेत्र जबरदस्त दबाव में हैं। ये दबाव तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की पारिस्थितिक स्थिरता के लिए खतरा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति में वृद्धि, समुद्र के स्तर में वृद्धि, समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि और समुद्र के अम्लीकरण जैसी घटनाएं तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को भी प्रभावित कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विशेष रूप से समुद्र के स्तर में वृद्धि तटीय जैव विविधता, समुदायों और कृषि उत्पादन पर महत्वपूर्ण होने का अनुमान है। इसलिए इसका संरक्षण और प्रबंधन समय की मांग है। अंत में सफल आयोजन की कामना की।
प्रशिक्षण की शुरुआत डॉ. वी.पी. पंवार, प्रमुख, वन पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन प्रभाग के स्वागत भाषण से हुई। पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सभी प्रभागाध्यक्ष, आईएफएस अधिकारी, वैज्ञानिक, डीन एफआरआई डीम्ड यूनिवर्सिटी, रजिस्ट्रार एफआरआई डीम्ड यूनिवर्सिटी, रजिस्ट्रार एफआरआई, संस्थान के तकनीकी कर्मचारी शामिल हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. अभिषेक के वर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम एक सप्ताह तक चलेगा जिसमें प्रख्यात संसाधन व्यक्ति तटीय जैव विविधता और प्रबंधन पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा करेंगे। अधिकारियों को जैव विविधता के संरक्षण और प्रबंधन से अवगत कराने के लिए मसूरी में मसूरी वन्यजीव अभयारण्य और हरिद्वार में झिलमिल झील में दो फील्ड टूर की व्यवस्था की जाएगी।

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