Wednesday, August 20, 2025
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जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका द्वारा 20.05.2024 को जनता दरबार में ग्राम अनारवाला के भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं गुच्चुपानी, जौहड़ी एवं चन्द्रोटी ग्राम के विभिन्न व्यक्ति इस शिकायत के साथ मिले

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब को इस कृत्य की गहनता से जांच-पड़ताल हेतु निर्देशित किया गया।
तहसीलदार सदर द्वारा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की गयी तो संज्ञान में आया कि विवादित स्थल ग्राम चन्द्रोटी में विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुच्चुपानी के समीप राजस्व ग्राम चन्द्रोटी का हिस्सा है। मौके पर वनाग्नि तथा छोटे वृक्ष एवं झाड़ी कटान के अवशेष पाये गये। उक्त भूमि का बाजार मूल्य कम से कम 20-25 करोड़ रूपये हैं। दौराने जांच संज्ञान में आया कि उक्त भूमि खसरा संख्या 374ग रकबा 0.3120 है0 (लगभग चार बीघा) राजस्व अभिलेखों में बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी की है। यह भूमि बिंदा गिरी के नाम 1360 फसली अर्थात् वर्ष 1953 से लगातार चली आ रही है। अचानक से 25.05.2022 को सब-रजिस्ट्रार द्वितीय देहरादून के कार्यालय में बिंदा गिरी चेला लक्ष्मण गिरी निवासी 65 सी कनखल जनपद हरिद्वार द्वारा सतीश कुमार गुप्ता पुत्र रामानन्द गुप्ता निवासी विजयपुर हाथीबड़कला नयागावं जनपद देहरादून को गिफ्ट डीड कर दी जाती है। उक्त गिफ्ट डीड में सौरभ सोनकर पुत्र सुभाष चन्द्र निवासी इन्द्रेश नगर देहरादून एवं संजय थापा पुत्र टी०एस० थापा निवासी नकरौंदा, देहरादून गवाह होते हैं। उक्त का दाखिल खारिज भी अप्रैल 2023 में हो जाता है। चूंकि राजस्व अभिलेखों मे बिंदा गिरी नामक व्यक्ति 1953 में व्यस्क अर्थात् 18 वर्ष से अधिक आयु के होते हैं। इसलिए वर्ष 2024 में उनकी उम्र लगभग 90 वर्ष होनी चाहिए। ऐसी दशा में संदेह की स्थिति उत्पन्न होने के कारण बिंदा गिरी के आधारकार्ड की जांच की गयी। जांच में यह तथ्य निकलकर आया कि बिंदा गिरी का उक्त आधारकार्ड फर्जी एवं कूटरचित है। उस नम्बर पर कोई आधारकार्ड जारी ही नहीं हुआ है। जब बिंदा गिरी के कनखल हरिद्वार स्थित पते पर जांच की गयी तो ऐसा कोई पता एवं व्यक्ति जांच में नहीं पाये गये। न्यायालय तहसीलदार देहरादून में दाखिल खारिज की पत्रावली को तलब कर सुनवाई की गयी। जिस व्यक्ति सतीश कुमार गुप्ता के नाम गिफ्ट डीड हुई है उसने बिंदा गिरी को पुरूष होना स्वीकार किया जबकि जांच में बिंदा गिरी का महिला होने का तथ्य प्रकाश में आया अर्थात् महिला को पुरुष दर्शाकर करोड़ो की भूमि हड़पने का कार्य किया गया। यह भी तथ्य स्पष्ट हुआ कि बिंदा गिरी की मृत्यु वर्ष 1980 के दशक में हो चुकी है तथा उनकी कोई भी संतान नहीं थी अर्थात् उनकी लावारिस मृत्यु हुई। ऐसी स्थिति में तत्काल उक्त भूमि राज्य सरकार में निहित हो जानी चाहिए थी परंतु इस प्रक्रिया का अनुपालन न होने के कारण उपरोक्त भूमाफियाओं द्वारा फर्जी व्यक्ति को सब-रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत करके पहले गिफ्ट डीड करायी फिर दाखिल खारिज भी करवा लिया। उक्त दाखिल खारिज को निरस्त किया गया है और सब-रजिस्ट्रार को यह निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल उपरोक्त भूमाफियाओं एवं फर्जी आधारकार्ड बनाने वाले तथा उक्त कृत्य में सम्मिलित सभी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ०आई०आर० दर्ज करवायी जाये। इसके अतिरिक्त उक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित किये जाने के लिए रिपोर्ट उपजिलाधिकारी सदर देहरादून को भेजी गयी है। तहसील देहरादून में ऐसे अन्य मामले होने की भी आशंका है। इसलिए समस्त पटवारीगण को खतौनियों की पड़ताल कर ऐसी भूमियों को राज्य सरकार में निहित करने सम्बन्धी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका द्वारा देहरादून के निवासियों से यह भी अनुरोध है कि किसी भी कार्य हेतु भूमि खरीदने से पूर्व तहसील में राजस्व अभिलेखों के सम्बन्ध में पड़ताल अवश्य कर लें अन्यथा आप धोखाधड़ी के भी शिकार हो सकते हैं।

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