Saturday, February 8, 2025
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कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान से बढ़ रही खेती की दशा एवं दिशा किसानों की खुशहाली एवं कृषि उत्पादों का बढ़ावा देने का हो रहा है प्रयास।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को लाडपुर, रिंग रोड़ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पौष्टिक आहार महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने किसानों के व्यापक हित तथा पारम्परिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद के तहत प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना के लिये 25 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की घोषणा की। सब्सिडी की अधिकतम धनराशि 7 लाख रूपये होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पारम्परिक उत्पाद पौष्टिता से भरपूर है। किसानों की खुशहाली तथा उनकी आर्थिकी की मजबूती के लिये राज्य सरकार गंभीरता से प्रयासरत है। किसान एवं खेती की दशा को सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान विज्ञान एवं अनुसंधान का लाभ किसानों तक पहुंचाना भी हमारा लक्ष्य है। आधुनिक तकनीकि के बल पर खेती एवं कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने में बड़ी मदद मिलेगी। कृषि उत्पादों को मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें पहचान दिलाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की खुशहाली तथा राज्य के पारम्परिक उत्पादों को बढ़ावा देने में केन्द्र सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानांं की आय को दुगुना करने तथा उनके जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की है, इससे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहा है। राज्य सरकार की जरूरतों को केन्द्र सरकार द्वारा प्राथमिकता प्रदान कर उन्हें पूरा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में किये गये सकारात्मक प्रयासों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को पुरस्कृत भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के मूल में पर्यटन, ऊर्जा के साथ ही कृषि की अवधारणा भी शामिल रही है। हम इन क्षेत्रों में गंभीरता से प्रयासरत रहते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास के प्रति भी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
मडुआ, झंगोरा, गहत कोणी, बारा अनाज आदि हमारे पर्वतीय क्षेत्रों की पहचान रही है। हमारे ग्रामीण परिवेश से इन आहारों की औषधीय गुणवत्ता एवं पौष्टिकता की स्वीकार्यता सर्वविदिति हैं। उन्होंने कहा अन्तर्राष्ट्रीय पौष्टिक आहार महोत्सव जैसे आयोजन देश व दुनिया में इनकी पहचान बनाने में मददगार हांगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजय सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए टूरिज्म, आयुष, वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा और सर्विस सेक्टर पर फोकस किया गया है। ग्रामोदय से राज्य उदय के मंत्र पर कार्य करते हुए हमारे द्वारा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर बेस अप्रोच पर ग्रोथ सेंटर डेवलप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना भी समय राज्य के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें मिला है, उसका पल पल राज्य के विकास के लिए समर्पित किया है। हमारा संकल्प है कि जब राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होंगे तब हम उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बना देंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा श्री विजय गड़धारी की पुस्तक ‘‘उत्तराखण्ड की खाद्य प्रजातियां’’ तथा कृषि विभाग के लोगो का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री राज्य के पारम्परिक अनाजों के विविध व्यजंन बनाने वाले शेफ देवेन्द्र जोशी को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय को दुगनी करने की दिशा में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में अनेक योजनाओं पर कार्य कर रही है जिसमें केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। किसानों को खेती के लिये अनेक सहूलियत दी जा रही है। उनके उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जा रही है। किसानों के उत्पादों के विपणन के लिये मण्डी परिषद् में रिवालिंग फण्ड की व्यवस्था दी गई हैं सहकारिता के माध्यम में भी उनके उत्पादों को क्रय की व्यवस्था की गई हैं। उत्पादों के विपणन के लिये 1380 आउटलेट विकसित करने का लक्ष्य रखा गया।
विधायक श्री उमेश शर्मा ‘ काऊ’ द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर औद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही कृषि विभाग के उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान एवं कास्तकार उपस्थित थे।

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