के एस असवाल गौचर
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध नरभक्षी बाघ शिकारी लखपत सिंह रावत ने डी० एल० एड० प्रशिक्षुओं को नरभक्षी बाघ से व्यवहार एवं बचाव के तरीके सिखाऐ गये।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली में प्राचार्य आकाश सारस्वत के निर्देशन में आयोजित संगोष्ठी में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध नरभक्षी बाघ शिकारी लखपत सिंह रावत ने डी० एल०एड० प्रशिक्षुओं एवं संकाय सदस्यों को नरभक्षी बाघ से व्यवहार एवं बचाव के अनेक तरीके सिखाये। उन्होंने कहा कि जब वे एक नरभक्षी का शिकार करते हैं तो वे 10 सामान्य बाघों की जान बचाते हैं।उनका उद्देश्य मासूम बच्चों की जान बचाना है, जबकि उन्हें बाघ मारने पर बहुत कष्ट होता है। लखपत सिंह रावत ने मार्च 2002 से अबतक 55 नरभक्षी बाघ मारकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। साथ ही इनके नाम एक वर्ष में 12 आदमखोर बाघ मारने का भी रिकॉर्ड है।
इस अवसर पर डायट प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि नरभक्षी बाघों से बचाव एवं व्यवहार के तरीके संबन्धी जागरूकता डी० एल० एड० प्रशिक्षुओं के माध्यम से उत्तराखण्ड के समस्त जनपदों तक फैलेगी।
बीरेन्द्र सिंह कठैत द्वारा संचालित संगोष्ठी में संकाय सदस्य रवीन्द्र सिंह बर्त्वाल, बचन जितेला सुबोध डिमरी, डा0 गजपाल राम राज, नीतू सूद, योगेन्द्र बर्त्वाल एवं सुमन भट्ट ने भी प्रतिभाग किया।