Friday, May 30, 2025
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“विकसित कृषि संकल्प अभियान“ का लाभ उठाएं प्रदेश के किसान – मुख्यमंत्री

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ की शुरुआत करते हुए कहा कि, अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी राज्य के 95 विकासखंडों, 670 न्याय पंचायतों और 11440 गाँवों में किसानों से संवाद करेंगे।

गुरुवार को गुनियाल गांव से इस अभियान की शुरुआत करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 29 मई से 12 जून तक देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिक दलों द्वारा डेढ़ करोड़ किसानों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। इस अभियान के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में तीन टीमें गठित की गई हैं, जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी, ऐसे प्रत्येक कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों के साथ संवाद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, जलवायु और ज़रूरत के अनुसार उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देने के साथ-साथ मृदा परीक्षण के आधार पर लाभकारी फसलों के चयन के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, कृषि, पशुपालन, बागवानी जैसी योजनाओं की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। अभियान के माध्यम से किसानों के अनुभव, पारंपरिक ज्ञान, नवाचार और सुझावों को भी संकलित किया जाएगा, जिससे भविष्य में वैज्ञानिक शोधों को और अधिक व्यावहारिक बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अभियान हमारे राज्य के कृषि क्षेत्र को आधुनिकता और नवाचार के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के साथ-साथ हमारे अन्नदाताओं को सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारत ’विकसित राष्ट्र’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा हमारे अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जहां एक ओर देशभर के 11 करोड़ किसानों को “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं सभी प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर किसानों की आय में निरंतर बढ़ोत्तरी सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, फसल बीमा योजना, किसान मानधन योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, बागवानी विकास मिशन, कृषि यंत्र सब्सिडी, बूंदबूंद सिंचाई योजना, डिजिटल कृषि मिशन जैसी अनेकों योजनाओं द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से “फार्म मशीनरी बैंक“ योजना के जरिए कृषि उपकरण खरीदेने हेतु 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। गेहूं खरीद पर कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रू. का बोनस दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने गन्ने के रेट में भी 20 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। किसानों के लिए नहर से सिंचाई को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसी तरह राज्य में 6 एरोमा वैली विकसित की जा रही हैं। इस बार के बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान विशेष रूप से पॉलीहाउस निर्माण के लिए किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को बढ़ाने के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट“ भी स्वीकृत किया गया है। हाल ही में राज्य सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ’स्टेट मिलेट मिशन’ और ’ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि गुनियाल गांव में सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कराने एवं सौंग नदी के गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गुनियालगांव के निचले क्षेत्र में दो स्थानों पर आरसीसी दीवाल, चैक डैम तथा कट ऑफ वाल बनाई जायेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।

कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प अभियान’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उत्तराखंड में पंतनगर, भरसार और अल्मोड़ा जैसे प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों की मौजूदगी से यह अभियान और भी प्रभावशाली होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 विपणन सत्र के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (डैच्) में 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि को मंजूरी दी है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि इससे देश भर के करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा।

इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, दायित्वधारी श्री भुवन विक्रम डबराल, सचिव कृषि श्री एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि श्री रणवीर सिंह चौहान, कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति भरसार विश्वविद्यालय डॉ. प्रमेन्द्र कौशल मौजूद थे।

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