राजकीय महाविद्यालय पौखाल के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन आज दिनांक 26 मार्च 2022 को एन. एस. एस.प्रभारी डॉ संदीप कुमार के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत से कार्यक्रम का सुभारम्भ किया गया ।
राजकीय महाविद्यालय पौखाल के मुख्य प्रवेश द्वार से मैदान तक किनारे मौजूद क्यारियों का सौन्दर्यकरण का कार्य किया तथा सभी स्वयंसेवको द्वारा श्रमदान कर योगदान दिया।
दोपहर भोजन पश्चात बौद्धिक सत्र में बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ संजीव प्रसाद भट्ट जी ने स्वयं सेवियों को धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण में संस्कृत का योगदान विषय पर अपना व्याख्यान दिया, तथा कहा कि मैं नही आप की भावना से कार्य करना चाहिये। राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य, नियमों पर चर्चा की। डॉ भट्ट जी ने अपने वक्तव्य में कहा ही भारतीय संस्कृति में 4 वेद, 18 पुराण और उपनिषद सभी संस्कृत भाषा में हैं। सभी भाषाओं जी जननी संस्कृत है, मूल संस्कृत भाषा ही है। अतः हमें अपनी संस्कृति नही भूलनी चाहिये। भट्ट जी ने अतिथि देवो भवः, सत्यमेव जयते, सत्यम शिवम सुन्दरम आदि विषयों पर भी चर्चा की। अपने व्यख्यान के क्रम में डॉ भट्ट जी ने धर्म पर भी विस्तृत चर्चा की। स्वयं सेवियों ने आगन्तुक मेहमानों का स्वागत किया।
बौद्धिक सत्र के पश्चात शिविर में आज के कार्यों पर चर्चा की गई। सभी स्वयं सेवियों ने एक स्वर में सात दिवसीय शिविर के पांचवें दिन की सराहना की।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.ए. एन. सिंह जी ने पंचम दिन के शिविर की सफलतापूर्वक सम्पन्नता के लिए बधाई प्रेषित की। शिविर में महाविद्यालय के प्राध्यापकों डॉ. संजीव भट्ट, डॉ. डॉ. बालक राम भद्री, डॉ. मीनाक्षी वर्मा, डॉ. अंधरूति शाह, डॉ.संतोषी, डॉ. अनुरोध प्रभाकर कर्मचारीगण श्री राजेंद्र सिंह बिष्ट, श्री मनोज राणा,श्री राजेंद्र सिंह राणा, श्री अनिल, श्री रोशन लाल आर्य का सहयोग रहा 7 दिवसीय विशेष शिविर में दीक्षा, मल्लिका, अनामिका, अंजली, शीतल, सुनैना, शिल्पा, प्रियंका, संजना, पूजा, प्रतिमा, रोनिका, शुविका, किरण, आरती, पूजा, पिंकी, अभिषेक, आरती, शुभम, नीरज, कविता, मनीषा, सपना, कवींद्र, सक्षम, सचिन, विवेक, कामिनी, अनुज आदि स्वयंसेवी उपस्थित हैं।