जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली में प्राथमिक शिक्षकों के पांच दिवसीय आधारभूत कम्प्यूटर प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि शिक्षा में आईसीटी का उपयोग कर शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को आसान व रोचक बनाया जा सकता है। कम्प्यूटर का ज्ञान छात्रों को डिजिटल संसाधनों तक पहुंचाने में सहायता करता है ताकि वे आधुनिक तकनीकों का प्रयोग आसानी से कर सकें। इस प्रशिक्षण में नौ विकास खंडो से 22 अध्यापकों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम समन्वयक रवींद्र सिंह बर्त्वाल ने कहा कि कम्प्यूटर ज्ञान से छात्रों को आडियो विजुअल तकनीकों व इलेक्ट्रॉनिक प्रस्तुतियों के जरिये सीखने का मौका मिलता है। डेटा को स्टोर करना व गणना करना आसान हो जाता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम सह समन्वयक सुमन भट्ट ने कहा कि कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान किसी भी व्यक्ति को आलोचनात्मक सोच विकसित करने में मदद करता है तथा उन्हैं अच्छा समस्या समाधान कर्ता भी बनाती है, जो 21 वीं सदी के डिजिटल भविष्य के लिए बेहद जरुरी है। इसके अतिरिक्त सृजनात्मकता, शैक्षिक निर्देशन व परामर्श में भी आईसीटी प्रभावशाली है।
प्रशिक्षण के मुख्य संदर्भ दाता दीपक बधानी ने अध्यापकों को एम एस वर्ड, पावर प्वाइंट, एम एस एक्सेल, पीएफएमएस, कम्यूटर के भाग, इंटरनेट, ईमेल आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की। अध्यापकों द्वारा अनेक एकल प्रोजेक्ट भी तैयार किये गये। फीडबैक के रूप में नीरज कुमार, प्रियंका डोरबी आदि अध्यापकों ने प्रशिक्षण को स्वयं व छात्रों के लिए लाभप्रद बताया।