देहरादून :- मुख्यमंत्री दरबार मे अपनी फरियाद ले जाकर सुर्खियो में आई शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा अब सेवानिवृत्त होने के बाद एक्टिव पॉलिटिक्स में प्रवेश कर रही है। सनद रहे कि उत्तरा पंत बहुगुणा जब शिक्षिका थी उस समय उन्होंने दुर्गम में ही अपनी पूरी सेवा की यहाँ तक कि पति के निधन के बाद भी उनका स्थानांतरण उनके घर के समीप नही हुआ।
बार बार अपनी परेशानियों को से उच्चाधिकारियों को अवगत भी करवाया लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नही किया गया लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री दरबार मे अपनी फरियाद सुनाई लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सहानुभूति दिखाने के बजाय भरे सभागार में उल्टा उत्तरा पंत बहुगुणा को ही डांट लगा दी वही इस व्यवहार से उत्तरा पंत बहुगुणा द्वारा भी मुख्यमंत्री के साथ नोक झोंक हो गई। बकौल उत्तरा पंत बहुगुणा का कहना था कि मैं विधवा हू और बच्चो की परवरिश के लिए सहनुभूति दिखाते हुए मुझे स्थानांतरण दिया जाना चाहिए।
लेकिन सहानुभूति मिलने के बजाय मुख्यमंत्री द्वारा अपमानित किया गया वही स्वयं मुख्यमंत्री जी की पत्नी स्थानांतरित होकर पौड़ी से देहरादून में शिक्षण कार्य कर रही है।
उन्होंने प्रदेश की शराब नीति पर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया व उनका विरोध किया था।
अब सेवा सेवानिवृत्त होने के बाद उत्तराखंड क्रांति दल से उत्तरा पंत बहुगुणा अपनी राजनीतिक शुरुवात कर रही है। देहरादून प्रेस क्लब में यूकेडी के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई l उनका मानना यह है कि कोई भी राष्ट्रीय पार्टी उत्तराखंड की जनता से न्याय नही कर पा रही है। इसलिए वह उत्तराखंड क्रांति दल से चुनाव लड़ेंगी साथ ही शिक्षको की परेशानियों को भी हल करने का प्रयास करेंगी।
केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी का कहना है कि आज उत्तरा पंत दल में शामिल हुई है और यह बड़े हर्ष की बात है. उन्होंने कहा कि उनकी सहमति से दल में वह जो भी भूमिका निभाना चाहेगी, उनको पार्टी की ओर से दायित्व सौंपा जाएगा l
सुत्रों की माने तो उत्तरा पंत बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सीट डोईवाला से चुनाव लड़ सकती है , उन्हें शिक्षको से भी अपार समर्थन मिल रहा है।