Wednesday, July 9, 2025
spot_img
spot_img

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारीः मुख्यमंत्री

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा है कि हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। यह हमारा भविष्य एवं विरासत दोनों है, हिमालय के सुरक्षित रहने पर ही इससे निकलने वाली सदानीरा नदियां भी सुरक्षित रह पायेंगी, हिमालय की इन पावन नदियों के जल एवं जलवायु से देश का अधिकांश भाग लाभान्वित होता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय हमारे जीवन के सरोकारों से गहनता से जुड़ा विषय है। हिमालय के संरक्षण के लिए इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, नदियों एवं वनों का संरक्षण जरूरी है। हिमालय संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाये जाने के साथ सभी हिमालयी राज्यों को आपसी समन्वय के साथ हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्प लेने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हिमालय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने, प्रकृति प्रदत्त जैव विविधता, ग्लेशियर, नदियों, झीलों के संरक्षण की दिशा में प्रभावी पहल की भी आवश्यकता है। हमें हिमालय को उसके व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखना होगा। इस व्यापकता वाले विषय पर सभी बुद्धिजीवियों, विषय विशेषज्ञों, प्रकृति प्रेमियों, हिमालय पर उसकी समग्रता का अध्ययन करने वाले अध्येताओं को एक मंच पर आकर संजीदगी के साथ इस विषय की व्यापकता पर चिंतन करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्य देश के जल स्तंभ है, जो माननीय प्रधानमंत्री जी के जल शक्ति संचय मिशन में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। नदियों के संरक्षण व पुनर्जीवीकरण के लिए केन्द्र पोषित योजनाओं में हिमालयी राज्यों को वित्तीय सहयोग दिये जाने के साथ इको सिस्टम सर्विसिज के लिए हिमालयी राज्यों को और प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। आपदा, पलायन सभी हिमालयी राज्यों की एक समान समस्या है। इस दिशा में सभी को मिलकर देश की प्रगति के लिए काम करना होगा। इस सम्बन्ध में नीति आयोग के समक्ष हिमालयी राज्यों के लिये अलग नीति बनाये जाने की बात रखी गई है।
उन्होंने कहा कि हिमालय का किसी राज्य व देश के लिये ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये महत्व है। हिमालय के संरक्षण का दायित्व, हम सभी का है। हिमालय के संरक्षण के लिये यहां की संस्कृति, नदियों व वनों का संरक्षण जरूरी है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिये हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालयी राज्यों को विकास के दृष्टिगत पारिस्थितिकी और अर्थिकी के समन्वय पर ध्यान देने की भी जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्ड वासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल जंगल जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!