Tuesday, August 26, 2025
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वनाग्नि से कोई भी जनहानि एवं पशुहानि न हो, यह बात सुनिश्चित कर लें। यह बात आज जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार ने जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक लेते हुए कही।

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

वनाग्नि से कोई भी जनहानि एवं पशुहानि न हो, यह बात सुनिश्चित कर लें। यह बात आज जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार ने जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक लेते हुए कही।
जिला सभागार टिहरी गढ़वाल में आज जिलाधिकारी की अध्यक्षता मंे सभी रेखीय विभागों के साथ जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर समिति गठित कर सभी आवश्यक सुविधाओं हेतु वन पंचायत से आवश्यकतानुसार प्रस्ताव प्राप्त कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने डीएफओ को निर्देशित किया कि वनाग्नि से संबंधित कन्ट्रोल रूम को जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र मंे स्थापित करना सुनिश्चित करें, ताकि सभी सूचनाएं एक ही जगह पर प्राप्त हो सके। साथ ही जिला स्तरीय फायर प्लान के संबंध में एरिया वाइज एवं सामाग्री वाइज विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने, वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील/ अतिसंवदेशील क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय एवं संबंधित एसडीएम को उपलब्ध कराने, वन रेंजर, सरपंच एवं ग्राम प्रधानों के नम्बर कन्ट्रोल रूम में रखने के निर्देश दिये गये, ताकि संबंधितों को बल्क मैसेज भी किये जा सके। जल संस्थान को निर्देशित किया गया कि 03 खराब फायर सर्विस वाहनों को एक सप्ताह में ठीक करवाना सुनिश्चित करंे।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लें कि वनाग्नि से कोई भी जनहानि एवं पशुहानि न हो तथा कोशिस करें कि गत वर्ष में घटित वनाग्नि की घटनाओं के सापेक्ष वनाग्नि घटनायें जीरो प्रतिशत हो। सभी अधिकारी आपसी समन्वय से अपने-अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वह्न करें, कहीं पर भी कोई विभागीय लापरवाही न हो। जिला स्तरीय फायर प्लान हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 का 1657.93 लाख का प्रस्ताव अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया।
इससे पूर्व डीएफओ टिहरी डिवीजन वी.के. सिंह द्वारा पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया गया कि वनाग्नि काल 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है तथा बारिश न होने पर आगे तक भी चला जाता है। बताया कि फरवरी, 2023 के अंत तक वनाग्नि नियत्रंण हेतु नियंत्रित दाहन कार्यवाही की जायेगी। जनपद में वनाग्नि की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की देख-रेख हेतु 176 क्रु स्टेशनों की स्थापना की गई, जिनमंे 08 से 10 स्टाफ नियुक्त है। इसके साथ ही मार्च, 2023 तक सौ वनाग्नि सुरक्षा समिति गठित कर दी जायेंगी। बताया कि बताया कि गत वर्ष वनाग्नि की 244 घटनाएं घटित हुई। उनके द्वारा यांत्रिक संसाधनों, फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट सिस्टम, वनाग्नि नियंत्रण में बाधाएं, रेखीय विभागों का सहयोग आदि के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक में पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, सीएमओ डॉ. संजय जैन, एसडीएम टिहरी अपूर्वा सिंह, डीपीआरओ एम.एम.खान, अधिशासी अभियन्ता लो.नि.वि. डी.एम. गुप्ता, डीओ पीआरडी पंकज तिवारी, रेंजर ऑफिसर वन प्रभाग आशीष डिमरी, डीडीएमओ बृजेश भट्ट एवं संबंधित रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि एसडीएम प्रतापनगर प्रेमलाल अन्य संबंधित अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े रहे।

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