Thursday, November 28, 2024
spot_img
spot_img

एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में आयोजित होगी राष्ट्रीय कार्यशाला

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
- Advertisement -ad-msme-Middle
- Advertisement -width="500"

सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। ताकि वर्ष 2030 तक प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त बनाये जा सके। इसके लिये शीघ्र ही प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जायेगी। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शत-प्रतिशत छात्र-छात्रों का आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाई जायेगी।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में दून विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अहम फैसले लिये गये। जिसमें उन्होंने राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों, विभागीय अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर और सकारात्मक प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय के कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों के नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ रावत ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि संस्थाओं का परस्पर सहयोग और शिक्षकों सहित संसाधनों का परस्पर आदान प्रदान अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा का सरोकार समाज से है और इसलिए संसाधनों का बेहतर प्रयोग समाज हित में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टीचर्स और रिसोर्स शेयरिंग के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से होगा समझौता ज्ञापन किया जायेगा और शासकीय महाविद्यालय , राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रतिष्ठित संस्थानों में भेजा जायेगा। डॉ रावत ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए सतत प्रयास कर रही है और ऐसे अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हाल ही में यहाँ से शिक्षकों को इनफ़ोसिस में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया जिसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ साथ संसाधनों के भी परस्पर उपयोग के लिए समझौता किया जायेगा।
एन.ई.पी. के प्रावधानों के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए नैक प्रत्यायन को बढ़ावा दिया जा रहा है। नैक प्रत्यायन के राज्य सरकार के प्रयासों को भारत सरकार की एन.ई.पी. कार्यशाला में काफी सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि अधिक से अधिक संस्थाओं को स्वयात्त बनाया जाय।
उन्होंने कहा कि हब एंड स्पोक मॉडल आधारित होगा अन्य संस्थाओं का विकास जिससे सभी को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि हाइब्रिड मॉडल को प्रोत्साहित किया जायेगा और 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम की ऑनलाइन पढाई अनिवार्य होगी। उन्होंने राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के पूर्व छात्रों को पोर्टल के माध्यम से जोड़े जाने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने समस्त छात्रों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा आई डी बनवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए नेशनल समिट फॉर इंस्टिट्यूशनल लीडर्स (NSIL)-2025 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग लेंगे।यह आयोजन प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा।

बैठक में विद्या भारती उच्च शिक्षा के पदाधिकारी रघुनंदन जी, डॉ विजयपाल सिंह, अखिलेश मिश्रा , सहित अन्य पदाधिकारी तथा कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रो. एन. के.जोशी, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश शास्त्री, कुलपति ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय प्रो. जसोला, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, रूसा सलाहकार प्रो. एम एस एम रावत , प्रो. के डी पुरोहित , उप निदेशक डॉ ममता ड्यूडी , सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

- Advertisement -ad-msme-Middle
Uttrakhand yuva mathotasav
-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img

Latest

error: Content is protected !!