Sunday, April 20, 2025
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन 2016 प्रकरण में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat), पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट में इन चारों के वॉइस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत में इस मामले की सुनवाई 20 जून को हुई। सीबीआई की ओर से अभियोजन अधिकारी सियाराम मीणा और सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। इस प्रार्थना पत्र के माध्यम से सीबीआई ने हरीश रावत हरक सिंह रावत उमेश कुमार और मदन सिंह बिष्ट केवल सैंपल लेने के लिए अनुमति मांगी थी।

कोर्ट में ये भी बताया गया कि 8 जून को भी इन्हें नोटिस जारी किए गए थे, हालांकि वो नोटिस अभी तक तामिल नहीं हो पाए हैं। इस पर कोर्ट ने दोबारा नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट में यह भी बताया गया कि इन चारों में से दो वर्तमान विधायक हैं। इस मामले में दोनों वर्तमान विधायकों को नोटिस शामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विधायकों के विशेषाधिकार को देखते हुए सभी नियमों का पालन करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होनी है।

स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े इस मामले को सीबीआई की गाजियाबाद शाखा में दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के लिए अभियोजन अधिकारी और सीबीआई इंस्पेक्टर भी गाजियाबाद से ही दून पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए एक स्टिंग ऑपरेशन काफी चर्चाओं में रहा था। ये स्टिंग उस समय एक चैनल से जुड़े उमेश कुमार (वर्तमान निर्दलीय विधायक) ने जारी किया था। इस वीडियो में सीएम हरीश रावत पर सरकार बचाने के लिए विधायकों की सौदेबाजी करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद एक और स्टिंग विधायक मदन सिंह बिष्ट का भी वायरल हुआ था। इस स्टिंग में डॉ. हरक सिंह रावत के शामिल होने का दावा करते हुए हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए खरीद-फरोख्त के आरोपों से जोड़ते हुए दिखाया गया था।                          यह स्टिंग भी उमेश कुमार की ओर से ही जारी किया गया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। अब मामले की जांच इन चारों नेताओं के वॉयस सैंपल लेने पर टिकी हुई है, जिससे कि इनकी आवाज का मिलान स्टिंग में रिकॉर्ड हुई आवाज से किया जा सके। 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग के बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया था। दोनों ही स्टिंग को लेकर उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। स्टिंग में रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी किया गया था। वर्तमान में उमेश कुमार खानपुर विधानसभा क्षेत्र से और मदन बिष्ट द्वाराहाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं

 

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