Monday, August 18, 2025
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डीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने हॉस्पिटल पंहुच निरंतर जान रही थी राजू का हाल।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
 जिला प्रशासन के सहयोग से हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय में असहाय व्यथित राजू का सफल उपचार कर लिया   है  राजू  अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उनकी ड्रेसिंग चल रही है। जिलाधिकारी सविंन बसंल के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम प्रतिदिन निरंतर राजू का हालचाल जानने चिकित्सालय जाती है तथा डीएम स्वयं राजू  के  उपचार की  मॉनिटरिंग  कर  रहे  हैं। जिला प्रशासन की टीम चिकित्सालय के सम्पर्क में बनी  रही । जिलाधिकारी ने चिकित्सालय प्रबन्धन का राजू के उपचार में सहयोग हेतु अभार व्यक्त किया। जिला प्रशासन तथा हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय के सहयोग से राजू के उपचार सम्भव हो पाया। जिला प्रशासन राजू के पुनर्वास की भी तैयारी कर रहा है इसके लिए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
विगत माह कलेक्टेªट परिसर में असहाय राजू पंहुचा जिसका एक हाथ बुरी तरह से जला हुआ था। राजू ने जिलाधिकारी को अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि वह होटल में मजदूरी कराता है तथा चमोली में उसका गर्म पानी से जल गया, दून अस्पताल ने हायर सेंटर को रेफर कर दिया है, उसके पास उपचार के लिए पैसे नही  है। जिस पर जिलाधिकारी संविन बसंल ने बर्न स्पेशलिस्ट निजी चिकित्सालय  से दूरभाष पर वार्ता करते हुए राजू के उपचार का अनुरोध किया जिस हेल्पिंग हेंड हॉस्पिटल के डॉ कुश ने राजू को तत्काल हास्पिटल भेजने को कहा। जिला प्रशासन ने सारथी वाहन से राजू को चिकित्सालय में भर्ती कराया।
दरअसल असहनीय पीड़ा से छटपटाते हुए अचानक राजू नाम का एक व्यक्ति डीएम दफ्तर पहुंचा। कहा ‘‘साहिब मेरा नाम राजू है। मेरे कोई भी अपना नही है, लावारिस हूॅ। गढ़वाल से आया हूॅ। मेरे हाथ पर गरम पानी गिरने से हाथ जल गया है। इलाज की जरूरत है। बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा, बहुत परेशान हूॅ, हाथ की सर्जरी होनी है। पैसा नही है, मदद करों। अपने रुंधे कंठ से ये कहते कहते राजू की आंखें दर्द के आंसुओं से छलक उठी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरी संवेदना के साथ असहाय, अनाथ राजू की मार्मिक व्यथा सुनी। राजू के बूरी  तरह जले हाथ के असीमित और असहनीय पीड़ा को महसूस किया और बिना समय  गंवाये राजू के उपचार हेतु फोन पर चिकित्सकों से परामर्श किया। दून अस्पताल ने राजू के हाथ की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने सहस्रधारा आईटी पार्क स्थित एक निजी अस्पताल में स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ कुश से वार्ता की और राजू को तत्काल प्रशासन के सारथी वाहन से चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां अब राजू के जले हाथ का मुफ्त इलाज करवाया।
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