Friday, November 22, 2024
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अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवस के 50वें दिवस के अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा 06 मई 2022 को प्रातः 08 बजे संस्थान के आफिससर् क्लब में योग का कायर्क्रम आयोजित किया,

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
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अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवस के 50वें दिवस के अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा 06 मई 2022 को प्रातः 08 बजे संस्थान के आफिससर् क्लब में योग का कायर्क्रम आयोजित किया, जिसमें प्रसिद्ध योग विशेषज्ञ श्री सी. पी. ओबराय, भा.व.से. ;सेवानिवृत्तद्ध, पूवर् वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव, पयार्वरण, वन एवं जलवायु परिवतर्न मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा योग शिक्षिका श्रीमती रचना गोयल के साथ संस्थान के अधिकारियों/कमर्चारियों को योगाभ्यास करवाया गया।

प्रारम्भ में श्रीमती ऋचा मिश्रा, भा.व.से., प्रमुख, विस्तार प्रभाग ने श्री ओबराय एवं श्रीमती रचना गोयल, डा0 रेणु सिंह, भा.व.से. निदेशक, वन अनुसंघान संस्थान और भारतीय वानिकी अनुसंधान एंव शिक्षा परिषद एवं वन अनुसंधान संस्थान से योग सत्र में भाग लेने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों और कमर्चारियों का स्वागत किया।  तत्पश्चात उन्होंने श्री ओबराय से योगाभ्यास कराने का अनुरोध किया।

श्री ओबराय और श्रीमती गोयल ने स्वास्थ्य के लिए लाभकारी विभिन्न प्राणायामों और आसनों के बारे में जानकारी दी और स्वयं  प्राणायाम का प्रदशर्न किया साथ ही उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने भी उनके साथ प्राणायाम किया।  उन्होंने योगा सत्र में शरीर और दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए हेल्थ टिप्स भी दिए।  तत्पश्चात सभी प्रतिभागियों द्वारा माननीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव, पयार्वरण, वन एवं जलवायु परिवतर्न मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के आॅनलाईन संबोधन का श्रवण किया गया।   माननीय मंत्री जी ने अपने संबोधन में कहा कि योग धमर् से जुड़ा नहीं है अपितु यह शरीर और दिमाग को फिट रखने के लिए जीवनशैली का एक तरीका है और मनुष्य के जीवन को अधिक अनुशासित और संतुलित बनाता है।  उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार का उद्देश्य ‘‘सवेर् भवन्तु सुखिना, सवेर् संतु निरामया’’ है।

कायर्क्रम में सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक, सचिव, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान एवं परिषद तथा संस्थान के वैज्ञानिकों/अधिकारियों सहित  50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 

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