देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित पंडित संतोष त्रिवेदी ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है। वे केदारनाथ धाम में होने वाली त्रिकाल पूजा के समय 25 मिनट तक सिरसासन कर सरकार को देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की मांग पूरा करने की याद दिला रहे हैं । पिछले साल संतोष त्रिवेदी ने केदारनाथ धाम में अर्धनग्न अवस्था में धरना दिया था।
गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की 1 सूत्रीय मांग को लेकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के अलावा देवस्थानम बोर्ड में समाहित किए गए। उसके बाद से इन मंदिरों से जुड़े तीर्थ पुरोहित, पुजारी आंदोलनरत रहे हैं।
प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पहले देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार की बात और बाद में 51 मंदिरों को बोर्ड से बाहर करने की बात कही थी , लेकिन इसी बीच संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने देवस्थानम बोर्ड पर विचार न करने का बयान दिया । इससे गुस्साए चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एक बार फिर आंदोलन की राह पर है । केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने अपने विरोध का नया तरीका ढूंढा । वह केदारनाथ धाम में सुबह, दिन और शाम को होने वाली पूजा के समय 25 मिनट तक शीर्षशासन कर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं ।पिछले साल भी संतोष त्रिवेदी ने 2 महीने तक अर्धनग्न अवस्था में धरना प्रदर्शन किया था। पंडित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि जब तक राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।