ऊधमसिंह नगर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में सीएम पुष्कर सिंह धामी के दौरे के बाद बवाल मच गया है। सीएम के स्वागत समारोह के दौरान गुरबाणी को रोककर छात्राओं से नृत्य कराया गया था। यही नहीं उनसे बीजेपी के समर्थन में नारे भी लगवाए गए। वीडियो वायरल होने पर विवाद बढ़ा तो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चार सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है।
मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि श्री अकाल तख्त अमृतसर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर उसे नानकमत्ता गुरुद्वारा भेजा है। समिति के निर्देश पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सेवा सिंह सहित चार सदस्यों ने पद से इस्तीफा दे दिया। आगे सभी सदस्य15 दिन के अंदर अपना पक्ष अकाल तख्त अमृतसर में जाकर रखेंगे जिसके बाद अकाल तख्त यह निर्णय करेगा कि कमेटी को स्थायी रूप से बर्खास्त किया जााए या उसे दोबारा बहाल किया जा सकता है। उधर, पिछले दो दिनों से इस मामले पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इस्तीफे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से हजारों की संख्या में सिख संगत ने नानकमत्ता गुरुद्वारा में डेरा डाला हुआ था। हालात को देखते हुए गुरुद्वारे का प्रबंधन देखने के लिए नानकमत्ता गुरुद्वारा के 19 निदेशकों में से पांच निदेशकों की एक समिति का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि सीएम पुष्कर धामी 24 जुलाई को नानकमत्ता गुरुद्वारे में दर्शन के लिए गए थे। मुख्यमंत्री के स्वागत समारोह में स्कूली छात्राओं ने गुरुद्वारे के बाहर के परिसर में नृत्य किया था। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अन्य विधायकों के साथ नानकमत्ता गुरुद्वारे में माथा टेकने के दौरान गुरबाणी को थोड़ी देर के लिए बंद कर दिया गया था। कुछ सिख संगठनों ने इस पर आपत्ति प्रकट करते हुए इसे गुरुद्वारे की मर्यादा का उल्लंघन बताया। इसी के बाद मामले पर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया।
उत्तराखंड पिछले कुछ अर्से में लगातार चर्चाओं के केंद्र में रहा है। बात चाहें कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुए कुंभ मेले हो या फिर पहले के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत की आनन-फानन में विदाई की। सूबे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा है।