Sunday, December 29, 2024
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₹60.58 गबन करने वाला हॉस्पिटल में नियुक्त वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

 देहरादून  –   थाना रायपुर मे वादी डॉ आनंद शुक्ला चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर देहरादून द्वारा एक लिखित तहरीर मे विभागीय जांच  में अंकित किया गया कि सीएचसी रायपुर में पूर्व में नियुक्त वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार गुप्ता पुत्र ओमप्रकाश निवासी- टाइप 2/01 एक वरिष्ठ सहायक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर मूलनिवासी दुर्गा बाड़ी थाना गोरखनाथ जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश ने  रायपुर के पंजाब नेशनल बैंक स्थित अकाउंट से वर्ष 2012 से 2018 के मध्य 6058000 रु यूजर चार्जेस की धनराशि का गबन किया गया है।

तहरीर के आधार पर थाना रायपुर पर तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 379/21 धारा 406 409 420 467 468 471 आईपीसी मे पंजीकृत किया गया।

जाँच मे ज्ञात हुआ कि राकेश गुप्ता द्वारा वर्ष 2012 से 2018 के मध्य वरिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त रहते हुए रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमा होने वाले कैश को पीएनबी रायपुर स्थित सीएचसी के खाते में जमा कराना होता था किंतु अभियुक्त द्वारा उक्त सरकारी धन बैंक खाते में जमा ना करा कर गबन कर लिया तथा उक्त बैंक खाते की अभियुक्त द्वारा एक फर्जी पासबुक बनाई गई जिसमें अभियुक्त द्वारा 22 लाख रुपए की फर्जी ट्रांजैक्शन भी दिखाई गयी है एवं फर्जी ट्रेजरी बैंक चालान बनाकर विभाग के अधिकारियों को गुमराह कर कुल ₹6058000 सरकारी धन का गबन कर लिया गया।

अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु उच्च अधिकारीगणो द्वारा निर्देशित किया गया जिस पर अभियुक्त राकेश गुप्ता को आज पूछताछ हेतु थाने मे लेकर  पूछताछ में अभियुक्त द्वारा अपना जुर्म स्वीकार किया गया विवेचनात्मक कार्यवाही एवं साक्ष्य संकलन आदि के आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त को कल समय से माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा।अभियुक्त वर्तमान में सीएचसी टिहरी गढ़वाल में नियुक्त है तथा विभागीय कार्रवाई के कारण निलंबित चल रहा है। पूछताछ में अभियुक्त राकेश गुप्ता द्वारा बताया गया की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में नियुक्ति के दौरान उसके द्वारा हॉस्पिटल में जमा होने वाला समस्त सरकारी धन का आय व्यय का हिसाब किताब रखा जाता था। उसके द्वारा लालच में आकर उक्त सरकारी धन को बैंक खाते में जमा ना करा कर अपने निजी एवं पारिवारिक खर्चों में खर्च कर दिया गया तथा गबन को छुपाने के लिए धोखाधड़ी से पंजाब नेशनल बैंक की फर्जी पासबुक बनाकर कंप्यूटर के माध्यम से उस में फर्जी ट्रांजिशन दिखाकर तथा बैंक ट्रेजरी चालान के फर्जी चालान रसीद बनाकर विभाग को गुमराह किया गया।

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