जोशीमठ : – बदरीनाथ धाम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व सादगीपूर्ण ढ़ग से आयोजित हुआ। श्रृद्धालुओं ने व्रत- उपवास रखा एवं गौ सेवा का संकल्प लिया। सोमवार जन्माष्टमी पर बदरीनाथ मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुला। भगवान बदरीविशाल की अभिषेक पूजा के पश्चात प्रात:कालीन पूजाएं तथा शांयकालीन पूजाएं संपन्न हुई तथा यथा समय श्री बद्रीविशाल भगवान की सांयकालीन आरती संपन्न हुई ।
भगवान कृष्ण का जन्म समारोह रोहिणी नक्षत्र मध्य रात्रि में आयोजित हुआ। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ ही भक्तो ने जय श्रीकृष्ण जय बदरीविशाल का जय घोष किया। भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप को भब्य रूप से सजायी गयी पालकी में रखा गया तथा बाल स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को झूला झुलाया गया।
भगवान बद्रीनारायण भगवान श्रीकृष्ण के परम सखा श्री उद्धव जी समारोह में शामिल हुए। परंपरानुसार श्री बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरा प्रसाद नंबूदरी द्वारा श्री उद्धवजी की स्यंभू मूर्ति को कुछ समय हेतु जन्मोत्सव में शामिल किया । रावल जी सहित धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट ने जन्माष्टमी पूजा संपन्न करवायी। जन्माष्टमी के पर्व हेतु दौरान देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर एवं मंदिर परिसर को सजाया गया था। जन्मोत्सव का कार्यक्रम आज दिन तक चलेगा। कोरोना महामारी के कारण प्रतिवर्ष होनेवाला जन्मोत्सव का कार्यक्रम भब्य रूप से आयोजित नहीं हो रहा है।