Saturday, April 19, 2025
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श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में बीमार, घायल, कमजोर व बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन न हो।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय कक्ष में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें आॅनलाइन के माध्यम से प्रबंधक जी मैक्स, सेक्टर अधिकारी एवं पशु चिकित्सक भी जुड़े रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई क्रूरता न हो इसकी निरंतर निगरानी करने के निर्देश सेक्टर अधिकारियों, म्यूल टाॅस्क फोर्स एवं पशु चिकित्सकों को दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि यात्रा मार्ग में किसी भी दशा से घायल, बीमार, कमजोर व बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चर का संचालन न हो। चैकिंग अभियान के दौरान जो भी घायल व बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चर का संचालन किया जा रहा है तो इसकी जानकारी तत्काल जीमैक्स को उपलब्ध कराई जाए तथा संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने प्रबंधक जी मैक्स को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों का पोर्टल पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाए जिसमें घोड़े-खच्चर के मालिक का नाम सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध हो। उन्होंने यह निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में यदि किसी व्यक्ति द्वारा घायल एवं बीमार व बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चर का संचालन करना पाया जाता है तो उस घोड़े-खच्चर को यात्रा मार्ग से संचालन के लिए ब्लाॅक किया जाए। इसके साथ ही संबंधित मालिक के जो भी अन्य घोड़े-खच्चर संचालित हो रहे हैं उनको भी ब्लाॅक किया जाए। इसकी जानकारी संबंधित सेक्टर अधिकारियों को मोबाइल एप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो घोड़ा-खच्चर घायल एवं बीमार है उसका तब तक यात्रा मार्ग में संचालन न हो जब तक पशु चिकित्सक द्वारा उसका स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र निर्गत न किया गया हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि घोड़ा-पड़ाव में घोड़े-खच्चरों की ठीक प्रकार से चैकिंग की जाए एवं वेट मशीन लगाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए यदि कोई यात्री बीच रास्ते से घोड़े-खच्चर लेना चाहते हैं तो इसके लिए पैदल यात्रा मार्ग में पोर्टेबल व्यवस्था के लिए लगभग 8 स्थानों में उप जिलाधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए जिसमें लगभग 5 से 10 घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था की जा सके, जिसके लिए रेन शेल्टर भी तैयार किया जाएगा।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की सुविधा के लिए केदारनाथ घोडा-पड़ाव में 40 लाख की लागत से रेन शेल्टर तैयार किया जा रहा है जिसके निर्माण के लिए शीघ्र ही धनराशि निर्गत की जाएगी। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत को निर्देश दिए हैं कि गौरीकुंड यात्रा मार्ग में वाल पेंटिंग कराने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की है कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी तरह से कोई पशु क्रूरता न हो इसके लिए यात्रा मार्ग में तैनात म्यूल टाॅस्क फोर्स के माध्यम से निरंतर निगरानी करते हुए यदि किसी घोड़े-खच्चर संचालक एवं मालिक द्वारा घायल, बीमार एवं अनफिट घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाता है तो उसकी विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही त्वरित गति से की जाए। इसके साथ ही यात्रा मार्ग में यदि कोई लावारिश घोड़े-खच्चर पाया जाता है तो अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज की जाए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक कुमार, प्रभारी जिलाधिकारी मंजू राजपूत, जिला पंचायत प्रतिनिधि, प्रकाश डसीला एवं आॅनलाइन के माध्यम से प्रबंधक जी मैक्स रोहित सहित सेक्टर अधिकारी मौजूद रहे।

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