Tuesday, April 15, 2025
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धामी सरकार का ठोस एक्शन प्लान : डेंगू-चिकनगुनिया के खिलाफ राज्यभर में बहुस्तरीय अभियान शुरू, सभी विभाग मैदान में

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे घातक संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक ठोस और समग्र कार्ययोजना लागू कर दी है। गर्मी और बरसात के मौसम में डेंगू व चिकनगुनिया फैलने की संभावना अधिक रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी जिलों में इन रोगों से निपटने के लिए अंतरविभागीय समन्वय, सक्रिय चिकित्सा व्यवस्थाएं, जनजागरूकता, निगरानी और फील्ड एक्शन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस संपूर्ण अभियान में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सहित कई विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के दिशा- निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों को अर्लट कर दिया गया है। विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि डेंगू-चिकनगुनिया से जंग में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।

स्वच्छता, लार्वा नियंत्रण और जनजागरूकता पर विशेष बल
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि, “डेंगू व चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोगों की रोकथाम का पहला कदम स्वच्छता है। जब तक हम स्रोत नियंत्रण यानी सोर्स रिडक्शन नहीं करते, तब तक मच्छरों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसलिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे लगातार सफाई अभियान चलाएं और समुदाय को भी इस प्रयास में भागीदार बनाएं।”

ब्लॉक स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि नगर निगमों व नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सफाई अभियान, नाले-नालियों की सफाई, जलजमाव हटाने तथा कचरा निस्तारण पर जोर दें। सोर्स रिडक्शन के तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीमों को प्रशिक्षित कर फील्ड में सक्रिय किया जाएगा जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। जरूरत के अनुसार फॉगिंग की कार्यवाही भी की जाएगी ताकि वयस्क मच्छरों का सफाया किया जा सके। जनजागरूकता अभियान के लिए हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में गोष्ठियों जैसे IEC संसाधनों का भरपूर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। सभी ब्लॉकों को माइक्रो प्लान तैयार कर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

अलग डेंगू वार्ड और संसाधनों की उपलब्धता
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य व निजी अस्पतालों में डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों के इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्थाएं लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में अलग डेंगू आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएंगे, जिनमें मच्छरदानी युक्त पर्याप्त संख्या में बेड, प्रशिक्षित चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। गंभीर रोगियों (DHF/DSS) के लिए प्लेटलेट्स, ELISA जांच किट्स और अन्य औषधीय सामग्री की समय पर आपूर्ति अनिवार्य की गई है। फीवर सर्वेक्षण के जरिए संदिग्ध रोगियों की पहचान की जाएगी, और पॉजिटिव केस मिलने पर रोगी के घर से 50 मीटर की परिधि में स्पेस स्प्रे / फोकल स्प्रे की कार्रवाई की जाएगी। रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) को हर जिले में अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

जन सहयोग और मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि, “डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक आमजन तक सही जानकारी नहीं पहुंचेगी, तब तक रोकथाम के प्रयास अधूरे रहेंगे।” सभी जिलों में जनजागरूकता अभियान को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी। आईएमए, निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब्स के साथ CME बैठकें कर समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि भ्रांतियों को दूर किया जा सके। सभी जनपदों में एक मीडिया स्पोक्सपर्सन नियुक्त किया जाएगा जो सकारात्मक सूचना का संप्रेषण सुनिश्चित करेगा।

हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम व्यवस्था होगी मजबूत
स्वास्थ्य सचिव ने बताया किराज्य मुख्यालय पर क्रियाशील हेल्पलाइन 104 को पूरी तरह से जनता के लिए सक्रिय रखा गया है ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी शंका या समस्या को साझा कर सके और तत्काल सलाह प्राप्त कर सके। डेंगू के संक्रमण काल के दौरान सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे और उनके नंबर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे हर दिन शाम 4 बजे तक दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें, चाहे कोई केस हो या न हो।

सभी विभाग निभाएं सक्रिय भूमिका
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार की कार्ययोजना में यह विशेष ध्यान दिया गया है कि केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य विभाग भी जिम्मेदार भूमिका निभाएं। नगर विकास, पंचायती राज, जल संस्थान, विद्यालय शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभागों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे डेंगू व चिकनगुनिया को रोकने के प्रयास सामूहिक रूप से मजबूत बनें।

बहुस्तरीय रणनीति से नियंत्रण का प्रयास
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए बनाई गई यह समेकित कार्ययोजना न केवल मौजूदा संक्रमण पर नियंत्रण पाने में सहायक होगी, बल्कि भविष्य में संभावित रोग प्रसार को रोकने की दिशा में दीर्घकालिक समाधान के रूप में भी कार्य करेगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि “मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत सतर्कता, सामुदायिक भागीदारी और सरकारी प्रयासों के बीच संतुलन आवश्यक है। आइए, हम सभी मिलकर इस चुनौती से लड़ें।”

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