Sunday, April 20, 2025
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पं० दीन दयाल उपाध्याय राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से विद्यार्थियों और प्रधनाचार्यों को किया गया सम्मानित।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ननूरखेड़ा, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (एस.सी.ई.आर.टी) उत्तराखण्ड के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पं० दीन दयाल उपाध्याय राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार के तहत उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित वर्ष 2023 एवं 2024 हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले तीन-तीन स्कूलों, हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं में प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में सी.एस.आर. के सहयोग से स्थापित 442 स्मार्ट क्लास रूम का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण दिन है। शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत, लगन, समर्पण के बल पर उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए हैं। ये पुरस्कार विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को आगे भी इसी मनोयोग से प्रयास करने के लिए प्रेरित करेंगे और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणादायक होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एससीईआरटी भवन का निर्माण कार्य 02 साल में पूर्ण करने का शिक्षा विभाग को लक्ष्य दिया गया था। विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में 29 करोड़ 25 लाख की धनराशि से भव्य भवन का निर्माण किया गया है। एससीईआरटी भवन बनने से शैक्षिक विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, शैक्षिक अनुसंधान तथा राज्य के शिक्षा के तंत्र का सम्पूर्ण विकास किये जाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी के भवन निर्माण के साथ ही इसकी गुणवत्ता भी अत्यधिक मायने रखती है। राज्य सरकार का स्पष्ट ध्येय है कि किसी भी तरह के निर्माण कार्य में क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा सीएसआर के अंतर्गत बनी 442 स्मार्ट क्लास के शुरू होने से सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था में अधिक गुणवत्ता आएगी। राज्य सरकार राज्य के 840 विद्यालयों में हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं स्मार्ट क्लास की स्थापना पर भी कार्य कर रही है। कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तको के साथ ही जूते और बैग भी प्रदान किए जा रहे हैं। कक्षा 9 में प्रवेश करने वाली बालिकाओं के लिए साइकिल योजना एवं मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी लागू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि राज्य का कोई भी विद्यार्थी बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित न रहे और न ही उनकी पढ़ाई पर कोई असर पड़े। उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को पहले से अधिक आधुनिक और व्यावहारिक बनाने के लिए सरकार लगातार नीतिगत फैसले ले रही है। सभी को बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के किसी भी छात्र-छात्राओं के जीवन में शिक्षा का अभाव नहीं होनेे देंगे।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट 30 अप्रैल को घोषित कर दिया था। जिससे बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु अच्छे संस्थानों में जाने का मौका मिलता है। आगामी शिक्षण सत्र के लिए रिजल्ट 20 अप्रैल तक घोषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में अध्यापकों के ट्रांसफर में पारदर्शिता आई है। ट्रांसफर में काउंसलिंग व्यवस्था की शुरुआत की गई है। अब तक 5000 अध्यापकों के ट्रांसफर हो चुके हैं। एससीईआरटी और डायट को और अधिक सृदृढ़ बनाया जा रहा है। आगामी वर्ष से टीचरों के ट्रांसफर भी ऑनलाइन व्यवस्था से होने लगेंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में 70 प्रतिशत से कम अध्यापक होंगे वहां नए अध्यापकों के जाने तक अध्यापक रिलीव नहीं होंगे। राज्य सरकार छात्रों को किताबें, कपड़े, बैग, जूते मुफ़्त में देने का कार्य कर रही है। छात्रों को छात्रवृत्ति और निःशुल्क नोटबुक भी उपलब्ध कराई जा रही है।

विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में शिक्षा के उन्नयन के लिए तेजी से कार्य हो रहे हैं।

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी ने शिक्षा विभाग को प्रेरणा और नई दिशा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एससीईआरटी का अपने भवन बनने से शैक्षिक विकास, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त होंगे। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और विद्यार्थियों को शुभकामना भी दी। शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि प्रधानाचार्य और शिक्षक विद्यालयी शिक्षा के मजबूत स्तंभ हैं।

इस अवसर पर निदेशक एससीईआरटी श्रीमती वन्दना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक प्राथमिक शिक्षा श्री रामकृष्ण उनियाल एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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