Saturday, August 23, 2025
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विधानसभा में वर्ष 2016 में नियुक्त बर्खास्त कर्मचारियों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी को लेकर वाद उच्च न्यायालय नैनीताल की एकल पीठ के समक्ष विचाराधीन है।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

विधानसभा में वर्ष 2016 में नियुक्त बर्खास्त कर्मचारियों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी को लेकर वाद उच्च न्यायालय नैनीताल की एकल पीठ के समक्ष विचाराधीन है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर हुई है, वह 2021 में नियुक्त 72 कर्मचारियों के द्वारा दायर की गई थी। 2016 में नियुक्त कर्मचारियों का मामला अन्य कर्मचारियों से पूरी तरह से भिन्न है। 2016 में नियुक्त कर्मचारियों के पक्ष में हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आ चुका है तथा जिन बिंदुओं पर कोटिया कमेटी तथा विधान सभा सचिवालय में 2016 में नियुक्त कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, उन्हीं समस्त बिंदुओं पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था, और उन्हें पूरा यकीन है कि अब दोबारा भी उन्हें माननीय न्यायालय से पूरा न्याय मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में उनके द्वारा दिसंबर माह में एसएलपी दायर की गई थी और तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की अभी बर्ख्तगी को लेकर मुख्य याचिका हाई कोर्ट नैनीताल में विचाराधीन है, इसलिए उन्हें हाई कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए, जिसके बाद कर्मचारियों ने अपनी एसएलपी दिसंबर माह में ही वापस ले ली थी, और तब से मामला सिंगल बेंच के समक्ष विचाराधीन है और जल्द ही मामले की सुनवाई पूरी होने की आशा है। कार्मिकों का कहना है कि हमें न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है कि हमें न्याय जरूर मिलेगा जैसा कि पूर्व में उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कार्मिकों के पक्ष में पूर्व में लिया गया निर्णय है|

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